उत्तर प्रदेश में आलू और टमाटर के गिरते हुए बाजार भाव से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए आपरेशन ग्रीन योजना लागू कर दी गई है। इसके तहत आलू क्लस्टर के 17 और टमाटर क्लस्टर के 19 जिलों में इन दोनों उपजों के उत्पादक किसानों, किसान उत्पादक संगठन यानि एफपीओ के अलावा आढ़तियों और अन्य कारोबारियों को भण्डारण और ढुलाई भाड़े में आ रही कुल लागत का पचास फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डा.आर.के.तोमर ने बताया कि केन्द्र सरकार की इस योजना को पिछले तीन साल में इन दोनों उपजों के औसत बाजार भाव में गिरावट आने पर लागू किया जाता है।
प्रदेश में इस साल इस योजना को लागू किया गया है। इसके तहत पूरा लेनदेन बैंकों के जरिए ही होगा और नकद स्वीकार नहीं होगा। व्यक्तिगत किसान और एफपीओ के लिए कम से कम सौ किलोमीटर दूर अपनी उपज ले जाने व अन्य आढ़तियों को ढाई सौ किलोमीटर या इससे अधिक दूर अपनी उपज ले जाने पर ही यह सब्सिडी मिल सकेगी।
आलू क्लस्टर के जिले
प्रयागराज, बाराबंकी,जौनपुर, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, मथुरा, कन्नौज, अलीगढ़, मैनपुरी, आगरा, हाथरस, कानपुर नगर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, इटावा और सम्भल जिले हैं।
टमाटर क्लस्टर के जिले
मैनपुरी, आगरा, एटा, बाराबंकी, जालौन, उन्नाव, लखनऊ, अलीगढ़, मथुरा, जालौन, सोनभद्र, हमीरपुर, कासगंज, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर, अयोध्या, फतेहपुर, मथुरा, बस्ती।
सभी जिलों में खुलेंगे आलू उत्पादक क्रय केंद्र राज्य के उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने आलू के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके इस हेतु बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत उचित औसत गुणवत्ता का आलू 650 प्रति कुन्तल की दर से क्रय किये जाने का निर्णय लिया है। मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव एवं बरेली में राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हॉफेड) के क्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं।