नई दिल्ली। दुनिया में भारत की संसद एकमात्र विधायी संस्था है, जहां एक साथ दस भाषाओं में सदन की कार्यवाही का (Translation) होता है। अब इसमें संस्कृत (Sanskrit) समेत छह भाषाएं और जुड़ जाएंगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अब बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत और उर्दू में बह सदन की कार्यवाही का रूपांतरण (Translation) होगा। इस घोषणा पर द्रमुक (DMK) सांसद दयानिधि मारन (Dayanidhi Maran) द्वारा आपत्ति जताने पर लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha speaker) ने उन्हें फटकार लगाई है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha speaker Om Birla) ने सदन को बताया कि अब बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संस्कृत और उर्दू में भी सदन की कार्यवाही का रूपांतरण (Translation) होगा। द्रमुक (DMK) सांसद दयानिधि मारन ने संस्कृत भाषा में कार्यवाही के रूपांतरण के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में सिर्फ 73 हजार लोग संस्कृत बोलते हैं। ऐसे में करदाताओं के पैसे को क्यों बर्बाद किया जा रहा है।
(DMK) सांसद दयानिधि मारन के लोकसभा कार्यवाही के संस्कृत भाषा रूपांतरण उठाए गए सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें फटकार लगाते हुए उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया। ओम बिरला ने कहा कि भारत की मूल भाषा संस्कृत रही है। आपको संस्कृत पर आपत्ति क्यों हुई? हम सभी 22 भाषाओं में रूपांतरण की बात कर रहे हैं।