नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के अप्रैल 2025 में 22 करोड़ निवेशक हो गए हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। एनएसई ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एनएसई ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए जिसमें कुल निवेशक खाते जिन्हें विशिष्ट ग्राहक कोड (यूसीसी) के जरिए मापा जाता है।
डिजिटल पहुंच और खुदरा निवेशकों की छोटे शहरों से बढ़ती भागीदारी से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अप्रैल 2025 तक 22 करोड़ निवेशक खातों का आंकड़ा पार कर लिया है। यह आंकड़ा अक्टूबर 2024 में पार किए गए 20 करोड़ आंकड़े से अधिक की वृद्धि को दर्शात है, जो निवेशकों की भागीदारी में मजबूत वृद्धि को दिखाता है।
31 मार्च 2025 तक, यूनिक रजिस्ट्रेंशन निवेशकों की संख्या 11.3 करोड़ थी, जो जनवरी में 11 करोड़ रही थी। खाता खोलने में यह उछाल मोबाइल ट्रेडिंग अपनाने और वित्तीय जागरूकता में वृद्धि और तेज ऑनबोर्डिंग की प्रक्रियाओं की वजह से खाते खुलने की संख्य में तेजी आई है।
डिजिटल परिवर्तन और मोबाइल ट्रेडिंग के बढ़ते उपयोग से छोटे शहरों विशेषकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में निवेशकों के लिए पूंजी बाजार को अधिक सुलभ बना दिया है। यह वृद्धि व्यापाक वित्तीय जानकारी और उससे जुड़े कार्यक्रमों और आसान होती केवाईसी प्रक्रियों की वजह से हुई है।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक खाते
एनएसई ने बताया कि देश में सबसे अधिक खाते महाराष्ट्र 3.8 करोड़ खाते हैं, इसके बाद उत्तर प्रदेश जहां 2.4 करोड़ उसके बाद गुजरात जहां 1.9 करोड़ और राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 1.3 करोड़ खाते हैं। इन पांच राज्यों में ही कुल खातों का लगभग आधा हिस्सा है।
निवेशकों की भागीदारी में यह बढ़ोतरी इस समय आई है जब बाजार में ट्रैरिफ को लेकर काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बावजूद इसके यह वृद्धि बाजार के मजबूत प्रदर्शन को लेकर भी देखी जा रही है। जहां निफ्टी 50 ने पांच सालों में 22 प्रतिशत का सालाना रिटर्न भी दिया है।