सभी विभागों के समन्वय व सहयोग से सफल होगा अभियान – डीडीओ
घर-घर दस्तक देकर मच्छर जनित रोगों के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरुक
कानपुर। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विकास भवन सभागार में शुक्रवार को शनिवार से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की तैयारियों को लेकर जनपद स्तरीय द्वितीय अंतर्विभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) केके सिंह ने की। उन्होंने अभियान की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। अभियान का शुभारंभ शनिवार (एक जुलाई) को मां काशीराम जिला संयुक्त चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर परिसर से किया जाएगा।
उन्होंने कहा आपसी सामंजस्य बनाकर ही संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए शुरू हो रहे इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है । यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाये। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग/ ग्रामीण विकास विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग समेत अभियान में शामिल हो रहे कई अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे। अभियान के अंतर्गत ही ‘दस्तक अभियान’ 17 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छरों जनित एवं संक्रामक रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करें।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आलोक रंजन ने बताया कि इसके लिए जिले में तैयारियां शुरू पूरी हो चुकी हैं। ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें तथा अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संवेदीकरण और प्रशिक्षण भी पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाला वह संक्रामक रोग हैं जो किसी न किसी रोग जनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वायरस आदि के कारण होता है, जो गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार आदि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। इन रोगों से जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही बचा जा सकता है। सीएमओ ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित सभी सरकारी चिकित्सालयों समेत सभी सीएचसी/पीएचसी पर संचारी रोगों की जाँच और इलाज की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।
एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने बताया माइक्रोप्लान के अनुसार अधिक से अधिक लोगों को मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों बारे में बतायें और इन रोगों से बचाव के बारे में जानकारी भी दें। एक जुलाई से शुरू हो रहे सभी अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माइक्रोप्लान के तहत कार्य करें। वह घर में और आस-पास जल जमावन होने देने, साफ-सफाई रखने, ताजा भोजन करने, पानी उबाल कर पीने, साबुन से हाथ अच्छी तरह से धोने, खुले में शौच से नुकसान आदि के बारे में जागरूक करें। अभियान में ‘हर रविवार मच्छरों पर वार’ पर भी ज़ोर दें। किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर रोगी को 108 एंबुलेंस की मदद से सीएचसी व पीएचसी पर पहुंचाये ताकि उन्हें समुचित इलाज मिल सके।
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जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) एके सिंह ने बताया कि अभियान में घर-घर भ्रमण के दौरान आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुखार के रोगियों की सूची, आईएलआई (इन्फ़्लुएंजा लाइक इलनेस) रोगियों की सूची, फाइलेरिया, टीबी व कुष्ठ रोग के लक्षणयुक्त की सूची एवं कुपोषित बच्चों की सूची भी तैयार करें। सहायक मलेरिया अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि संक्रमण से बचने व बुखार होने पर “क्या करें, क्या न करें” का प्रत्येक प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर आदि लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों के वेक्टरजनित बीमारियों के मरीजों के आधार पर संचारी रोगों से सम्बन्धित जिले में 33 ग्रामीण क्षेत्र में और 56 शहरी क्षेत्र में हॉट स्पॉट बनाये गये हैं। इन स्थानों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर अभियान चलाया जायेगा। अभियान में 2100 से अधिक आशा को तैनात किया गया है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (पुरुष व महिला), समस्त एसीएमओ, विभिन्न विभागों के मुख्य अधिकारी व कर्मी, समस्त ब्लॉक के अधीक्षक व एमओआईसी, जिला मलेरिया अधिकारी, डीपीएम, डीसीपीएम, सीडीपीओ, सहायक मलेरिया अधिकारी, अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी सहित सहयोगी संस्थाओं के जिला प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर