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सुपोषण व सशक्तिकरण का अभियान

 डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारत में प्राचीन काल से ही स्वस्थ्य जीवन को अत्यधिक महत्व दिया गया। हमारे ऋषियों ने आयुर्वेद व योग के साथ ही पोषक खाद्य सामग्री पर गहन अनुसंधान किया था। इसके आधार पर एक जीवन शैली का निर्धारण हुआ। जिसमें सहज स्वभाविक रूप से स्वास्थ्य शामिल था। आधुनिक जीवन शैली ने इनकी अवहेलना की। जिसका प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग आयुष फिट इंडिया व सुपोषण अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य चेतना को पुनः जागृत किया।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो वर्ष पहले अपने सरकारी आवास से सुपोषण अभियान का शुभारंभ किया था। पोषण मिशन के तहत पोषक आहार के साथ योग वेलनेस के माध्यम से स्वस्थ रहने की जानकारी दी जा रही है। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए बच्चों का स्वस्थ होना जरूरी है। स्वस्थ बच्चे ही देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसलिए बच्चों के पोषण में विभागों के साथ आम लोगों की सहभागिता जरूरी है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना तभी साकार होगी जब देश का हर व्यक्ति स्वस्थ होगा।

इस अभियान का मकसद प्रदेश को कुपोषण से मुक्त करना और हर पुरुष,महिला व बच्चों को कुपोषण से बचाने के प्रति जागरूक करना है। स्वास्थ्य,बाल विकास एवं पुष्टाहार, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, खाद्य एवं रसद और शिक्षा विभाग समन्वित रूप से बच्चों एवं महिलाओं को एक स्थान पर मेले के रूप में पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य के साथ साथ शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाए। उन्हें खेल खेल में रोचक ढंग से शिक्षा प्रदान की जाए। शारीरिक दक्षता वाले खेल खिलायें जाए। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, आशाओं के ऊपर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों तक स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों की योजनाओं को पहुंचाने की जिम्मेदारी है।

आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से ही गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों की उचित देखभाल की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री, आशा अपने दायित्वों को बखूबी अंजाम दें। बच्चों को बेहतर माहौल मिले, वह स्वस्थ रहें और आगे चलकर देश,प्रदेश, समाज के विकास में अपना योगदान दे सकें।

राजयपाल ने जननी महिलाओं के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गोद भराई जैसे कार्यक्रमों का प्रारम्भ करके उन्हे उचित पोषण से जोड़ने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जन्म से छह वर्ष तक के बच्चों,गर्भवती महिलाओं और किशोरी बालिकाओं में कुपोषण कम करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। बालिकाओं को सम्पूर्ण पोषण मिलना चाहिए जिससे वे स्वयं भी स्वस्थ रह सकें और भविष्य में स्वस्थ बच्चों को जन्म देने में समर्थ हो सकें। आनंदीबेन पटेल ने जनपद फर्रुखबाद भ्रमण के क्रम में बलीपुर गांव स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में पोषण माह कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने वहां उपस्थित धात्री एवं गर्भवती माताओं की गोद भराई तथा पोषण वाटिका में पौधारोपण भी किया।

राज्यपाल ने बढ़पुर ब्लॉक में याकूतगंज गांव स्थित पंचायत घर में मिशन शक्ति वॉल का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार ने सभी योजनाओं में महिलाओं को वरीयता दी है। महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूहों से जोड़कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया है। हर क्षेत्र में महिला की भागीदारी सुनिश्चित करायी गयी है।

केन्द्र व प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर,स्वावलाम्बी बनाने के उद्देश्य से समूह गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ की है। सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। राज्यपाल ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों के लिए उपयोगी सामग्री, खिलौने तथा फर्नीचर का वितरण भी किया।

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