इजरायल और हमास के बीच जारी जंग (Israel-Hamas War) में अब दुनिया के तमाम देश खुलकर किसी न किसी के साथ आ गए हैं. एक ओर जहां हमास को ईरान समेत कई अन्य इस्लामिक देशों का सपोर्ट मिल रहा है तो वहीं इजरायल के समर्थन में अमेरिका, फ्रांस समेत कई बड़े देश हैं.
भारत ने भी आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस मुश्किल घड़ी में देश इजरायल के साथ खड़ा है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि Israel के साथ कौन-कौन से देश हैं और किस तरह से आर्थिक और सैन्य मदद पहुंचाने के लिए तैयार हैं.
जंग में अब तक 4500 की मौत
इजरायल-हमास की जंग में अब तक करीब 3850 लोगों की जान जा चुकी है. फिलिस्तीन के 2450 से ज्यादा लोगों की जान गई है तो वहीं इजरायल के 1400 लोगों की मौत हो चुकी है. इजरायल 75 साल के अपने इतिहास की 16वीं बड़ी जंग लड़ रहा है. इजरायल-फिलिस्तीन में ये तनाव आज का नही बल्कि काफी लंबा है और कई बार हमास और इजरायल आमने सामने आ चुके हैं. लेकिन हर बार इजरायल को ही सफलता हाथ लगी है. इजरायल को सुपरपावर बनाने में कई देशों का योगदान है जो इसका खुलकर सपोर्ट करते हैं और इस मामले में अमेरिका सबसे ऊपर है.
इन देशों से मिलती है इजरायल को मदद
इजरायल के मददगार देशों की फेहरिस्त काफी लंबी है. न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से बल्कि फाइनेंशियल स्तर पर भी इजरायल को कई देशों का समर्थन प्राप्त है. अमेरिका के अलावा इजरायल के सबसे बड़े मददगार देशों में फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली का नाम शामिल है. इन देशों के साथ आयात-निर्यात तो बड़ी मात्रा में होता ही है, इजरायल पर किसी भी आपदा या अटैक की स्थिति में भी ये देश खुलकर सपोर्ट में सामने आते हैं.
अमेरिका से अब तक इजरायल को कितनी मदद?
अमेरिका ने इजरायल को साल 1948 में एक अलग यहूदी देश बनाने के लिए मदद का भरोसा दिया था. इसके अलावा इजराइल को अमेरिका मध्य पूर्व में एक महत्वपूर्ण सहयोगी की तरह देखता है. इसके लिए US की ओर से इजरायल को हर तरह से मदद दी जाती है. आर्थिक स्तर पर मदद की बात करें तो U.S. Foreign Aid to Israel की रिपोर्ट बताती है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से इजरायल अमेरिकी सहायता प्राप्त करने वाले देशों में सबसे ऊपर है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका 1948 से अब तक इजरायल को 158 अरब डॉलर की मदद दे चुका है.
इस साल 3.8 अरब डॉलर की मदद मिली
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने साल 2022 में इजरायल को 4.8 अरब डॉलर की मदद दी थी और साल 2023 में अब तक ही 3.8 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दे चुका है. ये एक लंबे समय के लिए की जाने वाली सालाना मदद का हिस्सा है, जिसका वादा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार ने किया था. इधर जंग शुरू होने के बाद से बाइडेन प्रशासन लगातार इजरायल को हथियार भेज रहा है. अमेरिका ने अपने जंगी बेड़े भी इजरायल के सपोर्ट में भूमध्य सागर में उतार दिया है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं के मंच पर भी अमेरिका इजरायल की मदद करता रहा है.
ओबामा सरकार ने दिया था बड़ा पैकेज
ओबामा सरकार ने साल 2016 में 38 अरब डॉलर के पैकेज के एग्रीमेंट पर साइन किए थे, जिसकी अवधि साल 2017-2028 की है. ये रकम इससे पिछले दशक में अमेरिका की ओर से दी गई मदद के मुकाबले करीब 6 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा अमेरिका ने इजरायल में शरणार्थियों को बसाने के लिए भी इजरायल को बड़ी मदद की है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने बीते कुछ सालों में इजरायल को दुनिया की सबसे उन्नत मिलिट्री में से एक बनाने में भी पूरी मदद की है. अमेरिकी फंड की मदद से इजरायल अमेरिका से सैन्य साजो-सामान की खरीद-फरोख्त करता है.
युद्ध में अमेरिका पहुंचा रहा कीमती सामान
अब अगर इजरायल और हमास के युद्ध में इस्तेमाल हथियारों पर नजर डालें तो, देश को अमेरिका ज्यादा से ज्यादा इंटरसेप्टर मिसाइल दे रहा है. ताकि इजरायल के Iron Dome एयर डिफेंस सिस्टम को कमी न पड़े. हमास के रॉकेट हमलों के बाद इजरायल का आयरन डोम डिफेंस सिस्टम लगातार काम कर रहा है. क्योंकि हमास के साथ-साथ लेबनान से भी रॉकेट और छोटी मिसाइलों से हमला हो रहा है. ऐसे में यह डिफेंस सिस्टम काम कर रहा है.
राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान (National Security Studies Institute) की 2021 में आई एक रिपोर्ट में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, एक इंटरसेप्टर मिसाइल की कीमत लगभग 40,000- 50,000 डॉलर होती है.
मदद के लिए साथ खड़ा ब्रिटेन
अमेरिका के अलावा इजरायल के मददगार देशों में शामिल ब्रिटेन भी मदद के लिए आगे खड़ा रहता है. सोमवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इजरायल-गाजा संघर्ष के बीच कब्जे वाले फिलिस्तीनी सेक्टर्स में नागरिकों के लिए मानवीय सहायता निधि में एक करोड़ पौंड देने की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह इजरायल पर हुए हमले ने दुनिया को झकझोर रख दिया है.