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राष्ट्रीय बालिका दिवस पर खास: सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित

लखनऊ। बालिकाओं को समाज में सम्मानजनक दर्जा दिलाने के साथ ही बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा मुहैया कराने की सोच आज पूरी तरह से साकार होती नजर आ रही है। आज बलिकाएं देश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देश का मान बढ़ाती नजर आती हैं। समाज में बालिकाओं की इसी खास पहचान को बनाए रखने के उद्देश्य से ही हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।

महिला कल्याण और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी क ये है कहना-  

निदेशक महिला कल्याण और मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि मिशन शक्ति के मुख्य उद्देश्यों में महिलाओं व बालिकाओं को स्वावलंबी बनाना, उनमें सुरक्षित परिवेश की अनुभूति कराना और जनजागरूकता पैदा करना शामिल रहा है । प्रदेश में भी बालिकाओं के सपनों को उड़ान देने के मकसद से, अक्टूबर 2020 में शुरू किया गया मिशन शक्ति कार्यक्रम इस दिशा में बेहद सहायक साबित हुआ। साथ ही बालिकाओं के कल्याण के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं उनको उचित मुकाम तक पहुंचाने में बड़ी मददगार साबित हुई हैं।

देश के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आज परचम लहरा रही हैं बालिकाएं

आत्म सुरक्षा की कला विकसित करने के लिए बालिकाओं को प्रशिक्षित किया गया। पिछले साल महिला कल्याण विभाग ने मिशन शक्ति के तहत सभी जनपदों में “नायिका” मेगा इवेंट का आयोजन कर मेधावी बालिकाओं व जेंडर चैंपियन महिलाओं को प्रशासनिक पदों पर बैठाकर सम्मान किया। उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर अन्य बालिकाओं और महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर- 1090, 112, 181 पर मदद प्राप्त करने के बारे में जागरूक किया गया।हेल्पलाइन नंबर-181 पर मौजूद प्रशिक्षित परामर्शदाता समस्या के समाधान को हर वक्त मुस्तैद रहते हैं।

 

मार्च 2019 में शुरू हुई मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना

बालिका के परिवार को आर्थिक मदद और बालिका के प्रति आमजन की सोच में बदलाव लाने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना मार्च 2019 में शुरू हुई। योजना का लाभ पाने के लिए उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों और वार्षिक आय तीन लाख से कम हो। योजना के तहत बालिका के जन्म पर 2000 रूपये, एक साल का टीकाकरण पूर्ण होने पर 1000 रूपये, कक्षा-1 में प्रवेश के समय 2000 रूपये, कक्षा-6 में प्रवेश के समय 2000 रूपये, कक्षा-9 में प्रवेश के समय 3000 रूपये और 10वीं/12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या दो वर्षीय या अधिक डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर 5000 रूपये एकमुश्त सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं। अब तक प्रदेश की 11.57 लाख बालिकाओं को इस योजना से लाभान्वित किया गया है।

प्रदेश के 68 जिलों में चल रही है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना

लिंगानुपात में सुधार लाने, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने और बालिका के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच लाने के लिए प्रदेश के 68 जिलों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना चल रही है। इसके तहत नाटक/नुक्कड़, बैनर, पोस्टर, वाल राइटिंग, जनसभा, रेडियो जिंगल व अन्य प्रतियोगिताओं और समारोहों के माध्यम से जनमानस में जागरूकता फैलाई जा रही है। योजना में किये गए प्रयासों से जन्म के समय लिंगानुपात 903 से बढ़कर 941 हो गया है जो राष्ट्रीय औसत 929 से अधिक है। साथ ही जनसंख्या का कुल लिंगानुपात 995 से बढ़कर 1017 हो गया है।

Report – Anshul Gaurav 

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