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कोरोना की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर पैदल यात्रा

लखनऊ। ‘नौकरशाहों को भेजो जेल, जनता जागी-बिगड़ा खेल’। ‘आपदा में भ्रष्टाचार, जांच करो यूपी सरकार’। जैसे नारों से आज बाराबंकी कचहरी गूंज उठी। सूबे के नौकरशाहों पर कार्यवाही और कोरोना की आड़ में किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर यहाँ एक पैदल यात्रा निकाली गई।

आज बाराबंकी से लखनऊ तक होने वाला तीन युवकों (पाटेश्वरी प्रसाद, रंजय शर्मा, उमानाथ यादव ‘सोनू’) का पैदल मार्च रंग लाया। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन पुलिस बल के साथ सुबह 07 बजे से ही बाराबंकी स्थित गांधी भवन पर डट गया। यहाँ वरिष्ठ गांधीवदी राजनाथ शर्मा, समाजसेवी विनय कुमार सिंह, अशोक शुक्ला, सरदार राजा सिंह का नेतृत्व इन युवकों को मिला। जिसके बाद प्रशासन के प्रस्ताव पर पदयात्रा कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता को दस सूत्री मांग-पत्र सौंपा गया। यह मांग-पत्र जिला प्रशासन के माध्यम से सूबे की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा गया। भ्रष्टाचार के विरूद्ध इस पैदल पदयात्रा को महान क्रान्तिकारी शहीद शिवराम हरि राजगुरू की जयन्ती पर उन्हें समर्पित किया गया।

विदित हो कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार 24 अगस्त को नगर के गाँधी भवन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्र्यापण के बाद इस जनजागरण पदयात्रा को निकाला गया। पदयात्रा के संयोजक गांधीवादी एवं समाजवादी चिन्तक, राजनाथ शर्मा ने कहा कि कोरोना के इलाज में दुव्र्यवहार, शोषण, लूट की शिकायत अब आम हो गई। सूबे का शायद ही कोई जिला हो, जहाँ इसे लेकर लोग दुखी नहीं हों। इलाज और इंतजाम के नाम पर सदी का सबसे बड़ा घोटाला हो रहा है।

सत्याग्रही रंजय शर्मा ने कहा कि आपदा के समय जनप्रतिनिधियों की भूमिका नगण्य रही है। उन्हें अपने दायित्वों का उचित ढंग से निर्वाहन करना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को कोविड अस्पतालों का औचक निरीक्षण करना चाहिए और अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्थाओं एवं भ्रष्टाचार के विरूद्ध जनआन्दोलन खड़ा किया जाना चाहिए। ऐसा न करके वह नौकरशाही को भ्रष्टाचार करने का मौका दे रहे है।

समाजसेवी विनय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के अनुसार मरीजों को मिलने वाले उपचार की जांच प्रशासन नहीं कर रहा है। अस्पतालों में गंदगी का अम्बार है। मरीजों के साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। प्रशासन और चिकित्सक संवेदनहीन है। सामाजिक कार्यकर्ता उमानाथ यादव ‘सोनू’ ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी पदयात्रा सत्याग्रह की पहली कड़ी है। यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो जल्द ही पूरे जनपद में व्यापक स्तर पर जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।

हिन्दी पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष पाटेश्वरी प्रसाद ने कहा कि कोविड अस्पतालों में दवाईयों और कोरोना जांच के नाम पर लूट मची हुई है। स्वास्थ्य सुविधाएं मरीजों को नहीं मिल रही है। ऐसे में इस आपदा में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध सरकार को कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।

शाश्वत तिवारी

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