Breaking News

Narmada के तट पर होता है गुप्त तप

पुण्यसलिला मेकलसुता मां नर्मदा Narmada , जिनके पुण्य प्रताप से हर कोई परिचित है। वैसे तो आमतौर अनेक नदियों से कोई न कोई कथा जुड़ी हुई है, लेकिन मां नर्मदा इनमें सबसे भिन्न हैं। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसका पुराण है। यह एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा की जाती है। बड़े-बड़े ऋषि मुनि नर्मदा के तटों पर गुप्त तप करते हैं।

Narmada ने अपनी दिशा परिवर्तित कर ली

मान्यता है कि एक बार क्रोध में आकर नर्मदा Narmada ने अपनी दिशा परिवर्तित कर ली और चिरकाल तक अकेले ही बहने का निर्णय लिया। ये अन्य नदियों की तुलना में विपरीत दिशा में बहती हैं। इनके इस अखंड निर्णय की वजह से ही इन्हें चिरकुंआरी कहा जाता है। यहां हम आपको नर्मदा मैया से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में साधारणतः जानना संभव नहीं होता।

पुराणों में ऐसा बताया गया है कि इनका जन्म एक 12 वर्ष की कन्या के रूप में हुआ था। समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव के पसीने की एक बूंद धरती पर गिरी जिससे मां नर्मदा प्रकट हो गईं। इसी वजह से इन्हें शिवसुता भी कहा जाता है।

चिरकाल तक मां नर्मदा को

चिरकुंआरी मां नर्मदा के बारे में कहा जाता है कि चिरकाल तक मां नर्मदा को संसार में रहने का वरदान है। ऐसा उल्लेख मिलता है कि भगवान शिव ने मां रेवा को वरदान दिया था कि प्रलयकाल में भी तुम्हारा अंत नहीं होगा। अपने निर्मल जल से तुम युगों-युगों तक इस समस्त संसार का कल्याण करोगी। मध्य प्रदेश के खूबसूरत स्थल अमरकंटक अनूपपुर से मां नर्मदा का उद्गम स्थल है। यहां ये एक छोटी-सी धार से प्रारंभ होकर आगे बढ़ते हुए विशाल रूप धारण कर लेती हैं।

यह स्थान अद्भुत दृश्यों के लिए भी जाना जाता है। इसी जगह पर मां रेवा का विवाह मंडप आज भी देखने मिलता है। पुराणों के अनुसार अपने प्रेमी सोनभद्र से क्रोधित होकर ही इन्होंने उल्टा बहने का निर्णय लिया और गुस्से में अपनी दिशा परिवर्तित कर ली।
सोनभद्र और सखी जोहिला ने बाद में इनसे क्षमा भी मांगी, किंतु तब तक नर्मदा दूर तक बह चुकी थी। अपनी सखी के विश्वास को खंडित करने की वजह से ही जोहिला को पूज्यनीय नदियों में स्थान नहीं दिया गया है। सोन नदी या नद सोनभद्र का उद्गम स्थल भी अमरकंटक ही है।

 

About Samar Saleel

Check Also

आज का राशिफल: 18 नवंबर 2024

मेष राशि:  आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। आप अपने कामों में ...