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सिर्फ फायदे ही नहीं नुकसान को भी समझना जरूरी, पपीता के यह साइड इफेक्ट नहीं जानते होंगे आप

पपीता सॉफ्ट, स्वादिष्ट और विशिष्ट गुण के लिए जाना जाता है. पपीता सबसे पहले मैक्सिको में हुआ लेकिन आज यह दुनिया के हर देशों में पाया जाता है. ऑर्गेनाइजेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन के मुताबिक पपीता की सबसे अधिक खेती भारत में होती है. यहां हर साल 50 लाख टन पपीता का पैदावार होता है. भारतीयों में पपीता को शानदार डाइजेशनल डाइट माना जाता है. इसे सुबह नाश्ता या फिर सलाद में यूज किया जाता है. एक तरफ इससे हार्ट डिजीज, डाइबिटीज, कैंसर, डाइजेस्टिव प्रोब्लेम को खत्म करने वाला माना जाता तो दूसरी तरफ इसके कुछ नुकसान भी है जिसे आमतौर पर भारतीय कम ही जानते हैं.

पपीता में मौजूद पोष्टिक तत्व
पपीता में प्रचूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. एक मध्यम आकार के पपीते में 30 ग्राम कार्बोहाइड्राइट, 5 ग्राम फाइबर, 18 ग्राम शुगर और 2 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा पपीते में फोलिएट, विटामिन ए, मैग्नीशियम, कॉपर, पेंटोथेनिक एसिड भी पाया जाता है. इसके साथ ही पपीता में कई तरह के एंजाइम पाए जाते हैं जिसका ज्यादा सेवन करने से नुकसान होता है.

क्या-क्या हैं नुकसान

लेटेक्स एलर्जी वाले को परेशानी
जिस व्यक्ति को लेटेक्स एलर्जी है यानी जिसे रबर गलब्स या रबड़ की वस्तुओं से एलर्जी है उसे पपीता से भी एलर्जी हो सकता है क्योंकि पपीता में चिटएनेसेस एंजाइम पाया जाता है. यह एक तरह का लेटेक्स ही होता है. कटे हुए पपीता में इसकी मात्रा और अधिक बढ़ जाती है.

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए नुकसानदेह
प्रेग्नेंट महिलाओं को पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें लेटेक्स बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता जिससे यूटेरस की दीवाल में संकुचन पैदा होगा. इससे समय से पहले लेबर शुरू हो सकता है.

सांस की गंभीर समस्या
जिस व्यक्ति में लेटेक्स से गंभीर एलर्जी है, इसमें पपीते के सेवन से एनाफाइलेक्सिस हो सकता है. इससे सांस की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है.

डाइजेशन बिगाड़ भी सकता
आमतौर पर पपीता का सेवन डाइजेशन को सही करने में किया जाता है लेकिन पपीते का ज्यादा सेवन डाइजेशन को बुरी तरह से बिगाड़ सकता है. पपीता में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर मौजूद रहता. इसलिए ज्यादा सेवन करने से डाइजेशन प्रोब्लम डायरिया हो सकता है.

स्पर्म मोटैलिटी के लिए भी बुरा
मर्दों के लिए पपीते का सेवन घातक हो सकता है. अगर पपीते के साथ इसके बीज भी पेट में चले जाए तो इसका उल्टा असर होता है. यह स्पर्म की गतिशीलता को प्रभावित करता है. इसलिए अगर बेबी प्लान करने का समय हो तो मर्द को पपीता नहीं खाना चाहिए.

पपीता में जिंकासांथिन एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिसके कारण यह शरीर में खतरनाक नीली किरणों को हटा देता है. यह आंख की सुरक्षा के लिए रक्षात्मक उपाय निकालता है. बिटा कैरोटिन के कारण पपीते से अस्थमा में भी राहत मिलती है. पपीता में कई तरह के विटामिन भी पाए जाते हैं जिससे बोन हेल्थ सही रहता. सूजन को कम करने में पपीता लाभदायक है. इसके अलावा स्किन, हेयर हेल्थ में पपीते का इस्तेमाल किया जाता.

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