अगर आप नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो ये ख़बर ज़रूर पढ़ें. वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध से पता चला है कि दिन के मुकाबले रात की शिफ्ट में काम करना शरीर के लिए काफी हानिकारक है. शोधकर्ताओं में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक भी शामिल थे.
बीएमजे डायबिटीज रिसर्च में कहा गया है कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शिफ्ट ही नहीं, यहां तक कि हफ्ते में 45 घंटे काम करने से 51 प्रतिशत महिलाओं में डायबिटीज की संभवाना बढ़ती है. वहीं, जो लोग 35 से 40 घंटे तक हफ्ते में काम करते हैं उन में डायबिटीज की संभावना कम होती है.
वहीं, पुरुषों में ऐसा नहीं होता है. जो पुरुष ज्यादा घंटे तक काम करते है उन में डायबिटीज होने का खतरा कम होता है जो लोग कम घंटे काम करते हैं. शिफ्ट में काम करते हुए बल्ड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए हम आपको आसान टिप्स बता रहे हैं.
रात के समय में काम करने और रोटेशनल शिफ्ट के दौरान ज्यादा खाते हैं. कई लोग शरीर में एनर्जी रहने के लिए खाना खाता है. लेकिन इस अनहेल्दी खाने के पैटर्न की वजह से डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है.
शोध में बताया गया है कि दिन और रात में काम करने का शरीर का चक्र दिमाग के द्वारा संचालित होता है. रिपोर्ट बताती है कि शरीर के लीवर में होने वाले अलग-अलग जैविक क्रियाओं के लिए दिमाग में समय निर्धारित होता है. शोध में आगे कहा गया है कि बॉडी क्लॉक और ब्रेन क्लॉक का आपस में गहरा कनेक्शन होता है.