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कोविड के प्रबंधन के लिए ग्रामीण स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनने की योजना

औरैया। देश में कोविड-19 के प्रसार के प्रबन्धन के लिए अब ग्रामीण स्तर पर कोविड केयर सेंटर, हैल्थ सेंटर और हॉस्पिटल बनाए जाएंगे, जो पूर्णतया कोविड समर्पित होंगे। शुरुआत में कोविड के ज्यादातर केस शहरों में देखने को मिल रहे थे, लेकिन धीरे धीरे इसका ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी प्रसार देखा जा रहा है। शहरी, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कोविड-19 मामलों के बड़े प्रसार के साथ, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इन क्षेत्रों में कोविड आधारित सेवाएं और प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो। इसीलिए अब ग्रामीण स्तर पर कोविड केयर सेंटर, हैल्थ सेंटर और हॉस्पिटल बनाने की योजना बनाई जा रही है।

वर्तमान में ग्रामीण स्तर पर फ्रंटलाइन वर्कर के द्वारा सर्दी जुकाम, खांसी, बुखार इत्यादि लक्षण मिलने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा रही है, जहां उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। किट के साथ दिए जा रहे पर्चे में दवाइयों के सेवन का तरीका व दिन लिखा हुआ है, ताकि लोगों को दवा के सेवन में कोई दिक्कत न हो। मेडिकल किट के साथ लक्षणयुक्त व्यक्ति को कोविड की जांच के लिए प्रेरित किया जा रहा है, साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच भी करायी जा रही है।

ग्रामीण स्तर पर बनाए जाएंगे कोविड केयर सेंटर, हैल्थ सेंटर और हॉस्पिटल :- ग्रामीण स्तर पर बनाई जाने वाले इन केन्द्रों की रूपरेखा तैयार कर ली गयी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार कोविड केयर सेंटर 30 बेड का होगा, जहां पर बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोविड उपचाराधीन को रखा जाएगा। यह एक तरह का आइसोलेशन वार्ड होगा, जिन गाँव के घरों में आइसोलाशन की व्यवस्था नहीं होगी, उन मरीजों को यहाँ रखा जाएगा। यहाँ उपचाराधीन लोगों की सांस संबंधी समस्या और ऑक्सिजन स्तर की निरंतर मोनिट्रिंग की जाएगी। यह केंद्र स्कूल, कम्यूनिटी हाल, विवाह गृह, पंचायत भवन आदि उन जगह पर बनाया जायेगा, जहां हवा के आवागमन, स्वच्छता और स्वच्छ शौचालय आदि की व्यवस्था हो।

इन कोविड केयर सेंटर पर 24 घंटे पर्याप्त ऑक्सिजन उपलब्धता के साथ एक बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी होनी चाहिए जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर गंभीर मरीजों को उचित उपचार के लिए किसी दूसरे उच्च स्वास्थ्य केंद्र पर रिफ़र के लिए प्रयोग में लाया जा सके। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ),एएनएम कार्यकर्ता आदि को कोविड केयर सेंटर का नोडल नियुक्त किया जाएगा। वही आशा/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इनका सहयोग करेंगी। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता समिति (वीएचएनएससी) और शहरी क्षेत्र में महिला आरोग्य समिति के द्वारा इन केन्द्रों का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। यह केंद्र समीप के प्राथमिक या हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर की निगरानी में रहेंगे। पंचायत आवश्यकता के आधार पर सफाई कर्मचारी नियुक्त कर सकता है।

इसी के साथ कोविड समर्पित कोविड हैल्थ सेंटर पर थोड़े गंभीर हालत वाले मरीज को रखा जाएगा, यह भी 30 बेड का एक केंद्र होगा। प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह केंद्र बनाएँ जाएंगे। यह केंद्र मुख्य बिल्डिंग से अलग होंगे जिसका आवागमन का रास्ता भी अलग हो। इन केन्द्रों पर उन मरीजों को रखा जाएगा जिनको चिकित्सीय मदद की जरूरत है। प्राइवेट अस्पताल को भी कोविड हैल्थ सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इन केंद्र पर प्रति बेड ऑक्सिजन सपोर्ट की व्यवस्था होगी।

कोविड समर्पित कोविड अस्पताल में गंभीर मरीजों को उपचारित किया जाएगा। जिला अस्पताल और अन्य प्राइवेट अस्पताल या इनके एक हिस्से को कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। यहाँ भर्ती मरीजों के सही हो जाने के बाद मेडिकल ऑफिसर उनके साथ कोविड के उपरांत आने वाले बदलाव के लिए फॉलो अप में रहेगा।

ग्राम पंचायतें निभायेंगी जागरूकता की जिम्मेदारी :- ग्रामीण स्तर पर कोविड के प्रति जागरूकता के लिए ग्राम पंचायतें अहम भूमिका निभाएंगी। ग्राम पंचायतों के सहयोग से आईसीडीएस विभाग, शिक्षा विभाग, स्वयं सहायता समूह के द्वारा कोविड की इस लड़ाई में ग्रामीणों में जागरूक कर कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

जिन रोगियों को मामूली लक्षण हो उन्हें तीन दिन तक बुखार न आने पर 10 दिन बाद आइसोलेशन से बाहर आने की इजाजत दी जाएगी। ग्राम स्तर पर स्वच्छता का खास ध्यान रखा जाएगा और लोगों को कोविड के बारे में जानकारी देने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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