नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पिछले दिनों दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी जैसा विरोध प्रदर्शन फिर से सिर न उठा सके, इसके लिए केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने एहतियातन विद्यार्थियों की सोशल अभिव्यक्ति पर नज़र रखने का निर्णय लिया है.द प्रिंट की समाचार के अनुसार, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि सरकार की तरफ से एक शुरुआती सर्कुलर जारी किया है.
इस सर्कुलर में देश के IIM व IIT जैसे संस्थानों व विश्वविद्यालयों से बोला गया है कि वे नागरिकता संशोधन कानून के विरूद्ध प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए विद्यार्थियों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखें. यही नहीं, विद्यार्थियों के अतिरिक्त निगरानी के घेरे में शिक्षक भी होंगे. विद्यार्थियों व शिक्षकों के फेसबुक, ट्विटर व व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व मैसेंजर एप्स पर नज़र रखे जाने का आदेश दिया गया है, इसके साथ ही यह भी बोला गया है कि सभी संस्थान इस विषय में एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपें.
सर्कुलर की जद में मुख्यरूप से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU), जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) व दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के विद्यार्थी हैं, जहां पहले से ही CAA को लेकर प्रदर्शन देखे जा रहे हैं.