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यूपी में फ्रंटलाइन पर काम करने वाले पुलिसकर्मियों को मिल रही बेहतर इलाज की सुविधा

लखनऊ। कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी भूमिका निभाने वाली यूपी पुलिस, पीएसी के जवान और जीआरपी कर्मियों को बीमारी से बचाने के लिये योगी सरकार शुरुआत से बड़े प्रयास कर रही है। सरकार के निर्देश पर पुलिसकर्मियों और संक्रमित होने वाले पीएसी के जवानों को तत्काल इलाज की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश के 66 जनपदों की पुलिस लाइनों में और पीएसी की कुल 34 वाहिनियों में कोविड केयर सेन्टर की स्थापना की गई है। वैश्विक महामारी में सुबह से शाम तक लोगों को कोरोना से बचाने, आंशिक कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने और कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले पुलिसकर्मी और पीएसी के जवानों, जीआरपी कर्मियों के स्वास्थ्य पर सरकार का पूरा ध्यान है।

सरकार के निर्देश पर फ्रंटलाइन पर काम करने वाले ‘कर्मयोगियों’ (पुलिसकर्मी और पीएसी जवान) के इलाज के लिये पुलिस लाइनों में कुल 2993 बेड के कोविड-केयर-सेन्टर बनाए गये हैं, जिनमें से 299 ऑक्सीजन वाले बेड हैं। जबकि पीएसी वाहिनियों में जवानों को बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिये कुल 628 बेड उपलब्ध कराए गये हैं। इनमें से 45 ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं। कोविड-केयर-सेन्टर में कुल-589 पुलिसकर्मी भर्ती हुए जिनमें से 244 पुलिसकर्मी निगेटिव होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। जबकि 322 पुलिसकर्मी वर्तमान में इलाज प्राप्त कर रहे हैं। जीआरपी की ओर से 107 बेडों और प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा 236 बेडों का कोविड-केयर-सेन्टर संचालित किया जा रहा है। सरकार के निर्देशों पर तत्काल दी जा रही इलाज की सुविधा से पुलिसकर्मी और पीएसी जवानों बीमारी को मात देकर स्वस्थ हो रहे हैं। सरकार के आदेश पर प्रदेश के सभी जनपदों और पुलिस इकाईयों द्वारा खुद के पास उपलब्ध संसाधनों और पुलिस मुख्यालय द्वारा दी गई धनराशि का उपयोग करके कोविड केयर सेन्टर की स्थापना की गयी है।

हमीरपुर, सिद्धार्थनगर, उन्नाव में पुलिस लाइन्स की बैरकों में बने आइसोलेशन वार्ड

प्रदेश सरकार के निर्देश पर यूपी पुलिस की ओर से बनाए गये कोविड केयर सेंटरों के लिये पुलिस लाइन में जगह नहीं मिलने पर उनको कमिश्नरेट पुलिस लाइनों या फिर स्टेडियमों में संचालित जा रहा है । हमीरपुर, सिद्धार्थनगर व उन्नाव में पुलिस लाइन्स के बैरकों को आइसोलेशन वार्ड (कोविड केयर सेन्टर) के रूप में स्थापित किया गया है। उनको स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सरकार ने दिये हैं। वाराणसी ग्रामीण में पुलिस लाइन न होने के कारण कमिश्नरेट पुलिस लाइन में कोविड-केयर-सेन्टर संचालित किया जा रहा है। चन्दौली में चकिया राजकीय अस्पताल में, गोरखपुर में वीर बहादुर स्पोर्ट्स स्टेडियम के गर्ल्स हॉस्टल को कोविड-केयर-सेन्टर और श्रावस्ती में जिला अस्पताल में कोविड-केयर-सेन्टर चल रहा है।

गोरखपुर में 200, अलीगढ़ में 120 और हरदोई में चल रहे 110 बेड के कोविड केयर सेंटर

यूपी के कुछ जनपदों के पुलिस विभाग ने अपने संसाधनों से अधिक संख्या में बेडों की व्यवस्था की है। इनमें गोरखपुर में 200 बेड, अलीगढ़ में 120 बेड, हरदोई में 110 बेड, गाजियाबाद में 40 ऑक्सीजनयुक्त सहित 90 बेड बढ़ाए गये हैं। बहराइच में 60 बेड, मुजफ्फरनगर में 16 ऑक्सीजनयुक्त सहित 66 बेड, लखनऊ कमिश्नरेट में 20 ऑक्सीजन वाले बेड सहित 57 बेड हो गये हैं। मेरठ में सभी 30 ऑक्सीजनयुक्त बेड, गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट में 10 ऑक्सीजनयुक्त सहित 52 बेड, कानपुर कमिश्नरेट में सभी 16 ऑक्सीजनयुक्त बेड और वाराणसी कमिश्नरेट में 54 बेडों का कोविड केयर सेन्टर संचालित किया जा रहा है।

बीमारी से निपटने के साथ-साथ यूपी पुलिस कालाबाजारियों को सिखा रही सबक

यूपी पुलिस जहां बीमारी से बचाव के लिये सभी उपाय करने में जुटी है। वहीं आपदा के समय में भी जीवनरक्षक औषधियों, ऑक्सीजन सिलेण्डरों और चिकित्सीय उपकरणों की कालाबाजारी करने वालों को सबक भी सिखा रही है। यूपी पुलिस ऐसे अपराधियों पर लगातार कार्यवाही कर रही है। अब तक कुल 160 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 1256 जीवनरक्षक इंजेक्शन, 1350 ऑक्सीजन सिलेण्डर, 18 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 844 ऑक्सीमीटर 05 ऑक्सीजन रेगुलेटर, 09 ऑक्सीजन फ्लोमीटर और अन्य उपकरणों एवं वाहनों को जब्त कर कुल 62 लाख 70 हजार 710 रूपये बरामद किये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनपदों के कप्तानों को निर्देश दिये हैं कि ऐसे सभी अपराधियों पर कड़ी करें जो आपदा के समय भी कालाबाजारी करने में जुटे हैं। उनपर जांच करने के बाद एनएसए और गैंगस्टर कानून के तहत कठोर कार्यवाही की जाए।

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