Breaking News

पीएम स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि: पटरी दुकानदारों के जीवन में ला रही है उजाला

कोविड-19 के दौरान छोटे-बड़े शहरोे में रेहड़ी वाले, पटरी व सड़क किनारे दुकान, कोई धन्धा, कारोबार करके रोज कमाने रोज खाने वाले काफी दुकानदार एवं वेण्डर्स अपनी रोजी रोटी चलाते थे, वह लाॅकडाउन के दौरान बन्द हो गया। ये शहरी पटरी दुकानदार ऐसे होते हैं, जो प्रतिदिन बस्तुएं खरीदते हैं, उसे प्रतिदिन बेचते हैं और प्रतिदिन जो कमाते हैं उससे उनके परिवार का पालन होता है। ऐसे शहरी पटरी दुकानदारों की संख्या प्रदेश में लाखों की है।

कोविड-19 वैश्विक महामारी की बन्दी का शिकार गांव, शहर, कस्बे, महानगर में रहने वाले हर स्तर के लोगों को  होना पड़ा। कारखाने, मिल, व्यापार, उद्योग, आजीविका के संसाधन सभी बन्द होने से छोटे-बड़े व्यापारी कारोबारियों पर विशेष प्रभाव पड़ा है। लाॅकडाउन होने के कारण छोटे शहरी कारोबारियों के पथ विक्रेताओं के पास जो धन था, वह बन्दी के दौरान खत्म हो गया, इससे वे जो दैनिक आजीविका के कारोबार करते थे, धनाभाव के कारण बन्द हो गया। कारोबार बन्द होने से शहरी पथ विक्रेताओं के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया।

10 हजार रुपये का ऋण 12 मासिक किश्तों पर

पटरी दुकानदारों की इन्हीं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने 01 जून, 2020 से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर्स आत्मनिर्भर निधि योजना का शुभारम्भ किया है, जिसके अन्तर्गत शहरी पटरी दुकानदारों को पुनः अपना व्यवसाय कार्य प्रारम्भ करने के लिए 10 हजार रुपये का ऋण 12 मासिक किश्तों पर 07 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी की छूट पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। शहरी पथ विक्रेताओं को पुनः अपना कार्य शुरू कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज के रूप में आसान किश्तों पर ऋण की सुविधा देकर कार्यशील पूँजी बनाने में उनकी सहायता की जा रही है। सरकार लाॅकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए हर वर्ग के लोगों की सहायता कर रही है। खेतिहर मजदूर, किसान, कारीगर, कुशल/अर्द्धकुशल श्रमिक, उद्योग-धंधों के लोगों, उद्यमी-व्यवसायी सबको सरकार आवश्यक सहायता कर रही है।

नगर निकायों द्वारा पटरी दुकानदारों का पंजीयन

रेहड़ी पटरी वालों व छोटी-मोटी दुकान वालों को अपना कारोबार फिर से खड़ा करने के लिए भारत सरकार द्वारा यह योजना संचालित की गई है। जो लोग पहले से वेंडिंग कर रहे है, वे वेंडर्स इस योजना से लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए सर्वेक्षण सूची में नाम भी होना चाहिए। नगर निकायों द्वारा पटरी दुकानदारों का सर्वेक्षण कराते हुए उनका पंजीयन किया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के समस्त निकायों से चिन्हित पंजीकृत लाखों पथ विक्रेताओं की सूची भारत सरकार को उपलब्ध करा दी थी, जिसकी पोर्टल के माध्यम से हजारों शहरी पथ विक्रेताओं ने ऑनलाइन नगर निकायों, डूडा के माध्यम से आवेदन करते हुए इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश सरकार आवेदन फार्म तथा संबंधित बैंक के बन्धक पत्र में भी आवश्यक सहयोग कर रही है, जिससे वेण्डर्स दैनिक कमाई करते हुए अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकें।

रिपोर्ट-पुष्पेंद्र कुमार

About Samar Saleel

Check Also

अनूठा है सीएमएस का बाल फिल्मोत्सव, छात्रों-शिक्षकों व अभिभावकों की आम राय

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव में 91 ...