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नर सेवा नारायण सेवा: कारसेवक पुरम व मणिराम दास छावनी में परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को वितरण किया गया प्रसाद व भोजन

• मेला प्रशासन द्वारा बनाया गया खोया पाया केंद्र नया घाट पर।

• भूले बिछड़े श्रद्धालुओं को अपनों से मिलाने का चल रहा है सराहनीय कार्य, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब।

अयोध्या। चौदह कोसी परिक्रमा में कारसेकपुरम् और मणिराम दास छावनी के गंगा भवन के गेट पर श्रद्धालुओं के बीच भोजन प्रसाद का वितरण किया। मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा अयोध्या में अपनी श्रद्धा निवेदित करने पहुंचे परिक्रमार्थियों के बीच अंश मात्र सामाजिक सेवा से प्रभु स्वयं प्रसन्न होते हैं। कहा भी गया है नर सेवा नारायण सेवा है। अपने-अपने सामर्थय के अनुसार संगठन विभिन्न प्रकार के सेवा केंद्र इस धार्मिक आयोजन में संचालित करते हैं।

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श्रीमणि रामदास छावनी ने अपनी शाखा गंगा भवन द्वारा भोजन प्रसाद का वितरण रात्रि से प्रारंभ किया गया जो चौदह कोसी परिक्रमा की समाप्ति तक चलता रहेगा। इस दौरान रामवल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास, शरद शर्मा, संत रामशंकर दास, उमाशंकर मिश्र, दीपक वैदिक आदि उपस्थित रहे।

कारसेकपुरम् के मुख्य द्वार पर भी मां अन्नपूर्णा रसोई द्वारा पूड़ी, सब्जी वा खीर का वितरण विहिप नेता राजेन्द्र सिंह पंकज की उपस्थिति में किया गया। विहिप नेता ने कहा प्रत्येक वर्ष आज की तिथि पर श्रद्धालुओं की सेवा करने का हमे और संगठन को सौभाग्य प्राप्त होता आ रहा है। जिसे लगातार रखा जायेगा।

नर सेवा नारायण सेवा: कारसेवक पुरम व मणिराम दास छावनी में परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को वितरण किया गया प्रसाद व भोजन

इसके अलावा नया घाट पर मेला प्रशासन द्वारा बनाया गया। खोया पाया केंद्र में अपने से बिछड़ हुए लोगों को मिलवाने का कार्य बहुत ही सराहनीय चल रहा है। बहुत से लोग अपने साथ वालों बिछड़ जा रहे हैं। जो खोया पाया केंद्र पर आकर नाम पता पुरूष अथवा महिला बताते हैं। उनका नाम ध्वनि विस्तारक यंत्र में पुकारा जाता है। खोया पाया केंद्र पर आकर पहुंचते हैं। मुलाकात हो जा रही है।

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सब इंस्पेक्टर रणजीत यादव खोया पाया केंद्र पर डटे दिखे। वह अपने सहयोगियों के साथ परिक्रमा में अपने से बिछड़े लोगों को मिलाने का कार्य कर रहे हैं। यह क्रम निरंतर चल रहा है। परिक्रमा करने वालों सैलाब उमड़ पड़ा है। जैसे जैसे समय व्यतीत हो रहा है। श्रद्धालुओं में शरीर में थकान होने लग रही है।

शीघ्र परिक्रमा पूरी करने की आस्था के आगे थकावट दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। नंगे पांव चल रहे हैं। एक दूसरे को देखकर व साथियों के झुंड में चलने से परिक्रमा की दूरी महसूस नहीं हो रही है। लेकिन स्वयंसेवी संस्थाओं व सामाजिक एवं व्यापारियों द्वारा जगह निःशुल्क जलपान व्यवस्था व निःशुल्क दवा वितरण की व्यवस्था की गई है। रात्रि 11 बजकर 38 मिनट पर सम्पन्न होगा।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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