भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि वह पिछले कई दशकों से खासकर सीमा पार से होने वाले आतंकवाद का शिकार रहा है और कुछ देश ऐसे हैं जो आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने एवं आतंकवादियों को पनाह देने के लिए ‘साफ तौर पर दोषी’ हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने दूसरे आतंकवाद निरोध सप्ताह के दौरान ‘कोविड-19 के बाद के परिदृश्य में आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटना’ शीर्षक वाले उच्च स्तरीय ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद के खतरे से सफलतापूर्वक निपटने के लिए आर्थिक संसाधनों तक आतंकवादियों की पहुंच को रोकना अहम है.
उन्होंने कहा, ”यह साफ है कि यह प्रतिनिधिमंडल अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मूर्ख नहीं बना पाएगा।”भारत ने भले ही स्पष्ट तौर पर न कहा हो, लेकिन उसका इशारा पाकिस्तान की तरफ था।
तिरुमूर्ति ने आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) को मजूबत करने और संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोध ढांचे को अधिक वित्त उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया.