विश्व में इस समय कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। दिन-प्रतिदिन संक्रमितों के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस बीच दुनियाभर में 85 देशों में डेल्टा स्वरूप पाया गया है।
अधिक मामले सामने आने का मतलब है अधिक मरीजों का अस्पतालों में भर्ती होना। स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक दबाव पड़ान। इससे मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की प्रमुख कार्यकारी डॉ. जेनी हैरिस ने कहा, ‘आंकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि सफल टीकाकरण अभियान से हमने मामलों और अस्पताल में भर्ती होने के संबंधों को तोड़ना शुरू कर दिया है. यह बहुत उत्साहजनक खबर है, लेकिन हम लापरवाह नहीं हो सकते. टीके की दो खुराक एक खुराक के मुकाबले कोविड-19 के खिलाफ कहीं अधिक कारगर है. इसलिए जरूरी है कि सतर्कता बरती जाए.’
कोरोना के और नए वैरिएंट सामने आने की संभावना जताते हुए उन्होंने कहा कि हम संक्रमण को फैलने से रोककर हम और वैरिएंट्स को पैदा होने से रोक सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेद्रोस अदहानम गेब्रेयेसस ने आगाह किया कि कम से कम 85 देशों में पाया गया कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप अभी तक सामने आए सभी स्वरूपों में ”सबसे अधिक संक्रामक” है और यह उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।