- बिहार समृद्ध होगा और देश की समृद्धि में भी बड़ी भूमिका निभाएगा: पीएम
- पिछले एक दशक में रिकॉर्ड 25 करोड़ भारतीयों ने गरीबी को हराया है: पीएम
- बिहार मेड इन इंडिया का बड़ा केंद्र बनेगा
- आज मरहौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री से पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है: पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज (20 जून) बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उपस्थित सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने बाबा महेंद्र नाथ और बाबा हंस नाथ (Baba Mahendra Nath and Baba Hans Nath) को नमन किया और सोहगरा धाम की पवित्र उपस्थिति का आह्वान किया। उन्होंने मां थावे भवानी और मां अंबिका भवानी को भी नमन किया। प्रधानमंत्री ने देश के प्रथम राष्ट्रपति देश रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण की स्मृति को नमन किया। सीवान को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रेरक भूमि बताते हुए श्री मोदी ने रेखांकित किया कि इस भूमि ने देश के लोकतंत्र को सशक्त बनाया है और संविधान को मजबूत किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सीवान ने देश को डॉ राजेंद्र प्रसाद के रूप में एक महान सपूत दिया, जिन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने और देश की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने महान समाज सुधारक ब्रज किशोर प्रसाद के रूप में सीवान के योगदान को भी स्वीकार किया, जिन्होंने अपना जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया। श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि ऐसी महान आत्माओं के मिशन को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम इन निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास एक ही मंच से किया गया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये विकासात्मक पहल बिहार को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएंगी और एक समृद्ध राज्य के निर्माण में योगदान देंगी। श्री मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं क्षेत्रों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
उन्होंने कहा कि इन पहलों से गरीबों, वंचितों, दलितों, महादलितों, पिछड़े और अति पिछड़े समुदायों का जीवन आसान होगा और उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए बिहार के लोगों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह अभी विदेश यात्रा से लौटे हैं और उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने दुनिया के कुछ सबसे विकसित देशों के नेताओं के साथ चर्चा की। उन्होंने बताया कि वैश्विक नेता भारत के तीव्र विकास से काफी प्रभावित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नेता भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरते हुए देख रहे हैं और उन्होंने कहा कि बिहार इस परिवर्तन में प्रमुख भूमिका निभाएगा। श्री मोदी ने कहा, एक समृद्ध बिहार देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और उन्होंने बिहार के लोगों की ताकत और क्षमता पर भरोसा जताया। प्रधानमंत्री ने राज्य में अराजकता के युग को खत्म करने के लिए लोगों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आज बिहार के युवा दो दशक पहले की स्थिति को केवल कहानियों और किस्सों के माध्यम से जानते हैं। यह इंगित करते हुए कि वे कुशासन के उस दौर में हुई गिरावट की सीमा को पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सदियों तक भारत की प्रगति का नेतृत्व करने वाला बिहार एक समय पिछली सरकारों के चंगुल में मजबूरन पलायन का प्रतीक बन गया था। इस बात पर जोर देते हुए कि बिहार के प्रत्येक निवासी के लिए आत्म-सम्मान सर्वोपरि है, प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की कि मेरे बिहारी भाई-बहन उल्लेखनीय लचीलापन दिखाते हैं, जो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी सफल होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे कभी भी अपने आत्म-सम्मान से समझौता नहीं करते हैं। हालांकि, प्रधान मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने बिहार के गौरव को गंभीर रूप से चोट पहुंचाई। उन्होंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के इन शासनों की आलोचना की, जिसने गरीबी को बिहार के दुर्भाग्य में बदल दिया।
उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्तमान सरकार बिहार को विकास के पथ पर वापस ले आई है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में बिहार में लगभग 55,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक घरों में बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं जबकि 1.5 करोड़ घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि राज्य भर में 45,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिससे यह पता चलता है कि बिहार के छोटे शहरों में अब नए स्टार्ट-अप उभर रहे हैं। बिहार के विकास की गति में तेजी को देखते हुए श्री मोदी ने आगाह किया कि पिछली अराजकता के लिए जिम्मेदार तत्व अब सरकार और बिहार के आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण हासिल करने का अवसर तलाश रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि ये समूह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों से अत्यधिक सतर्क रहने का आग्रह किया और समृद्ध बिहार की यात्रा को पटरी से उतारने वालों को दूर रखने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के नारे लंबे समय से सुने जा रहे हैं, लेकिन उनकी सरकार ने यह दिखा दिया है कि गरीबी को वास्तव में कम किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा, पिछले दशक में रिकॉर्ड 25 करोड़ भारतीयों ने गरीबी को मात दी है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक जैसी विश्व प्रसिद्ध संस्थाओं ने भारत की उपलब्धि की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि बिहार और विशेष रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने इस राष्ट्रीय सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले बिहार की आधी से अधिक आबादी अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आती थी। हालांकि, पिछले दस वर्षों में बिहार में लगभग चार करोड़ लोगों ने गरीबी को मात दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी लाखों लोग प्रयास की कमी के कारण गरीब नहीं रहे, बल्कि इसलिए कि उनके पास आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं था। श्री मोदी ने इसके लिए पिछली सरकार के तहत लंबे समय से चले आ रहे लाइसेंस राज को जिम्मेदार ठहराया, जिसने देश को गरीब बनाए रखा। उन्होंने कहा कि उस दौरान हर कोई गरीब था।
सेवा और अवसर कठोर कोटा-परमिट प्रणाली से बंधे थे, जिसके तहत छोटे से छोटे काम के लिए भी मंजूरी लेनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के शासन में गरीबों को आवास से वंचित रखा गया, जबकि बिचौलिए राशन की आपूर्ति हड़प लेते थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा गरीबों की पहुंच से बाहर रही और शिक्षा और रोजगार के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों को बिजली या पानी के कनेक्शन हासिल करने के लिए सरकारी कार्यालयों के अनगिनत चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि गैस कनेक्शन लेने के लिए सांसद की सिफारिश की आवश्यकता होती है और रिश्वत या प्रभाव के बिना नौकरियां मिलना असंभव है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से सबसे ज्यादा प्रभावित मुख्य रूप से दलित, महादलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े समुदायों के लोग हैं। श्री मोदी ने कहा कि इन वर्गों को गरीबी उन्मूलन के सपने दिखाए गए, लेकिन इस प्रक्रिया में मुट्ठी भर परिवार करोड़पति और अरबपति बन गए। श्री मोदी ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में हमारी सरकार गरीबों के मार्ग से हर बाधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। परिणामस्वरूप, अब दृश्यमान और प्रभावशाली परिणाम सामने आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में देश भर में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को सरकारी पहल के तहत पक्के घर मिले हैं और आने वाले वर्षों में अतिरिक्त 3 करोड़ घरों का निर्माण किया जाना है।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि इस विकास से बिहार के गरीबों, दलितों, महादलितों, पिछड़े वर्गों और अत्यंत पिछड़े परिवारों को काफी लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकेले राज्य में 57 लाख से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सीवान जिले में गरीबों के लिए 1.10 लाख से अधिक घर पहले ही बनाए जा चुके हैं और पुष्टि की कि यह काम बिना किसी रुकावट के चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में 50,000 से अधिक परिवारों को आवास की किश्तें वितरित की गईं। श्री मोदी ने इस बात पर विशेष संतोष व्यक्त किया कि इनमें से अधिकांश घर माताओं और बहनों के नाम पर पंजीकृत हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि जिन महिलाओं के नाम पर पारंपरिक रूप से कभी संपत्ति नहीं थी, वे अब गर्वित गृहस्वामी बन रही हैं। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि सरकार न केवल आवास बल्कि गरीबों को मुफ्त राशन, बिजली और पानी की सुविधा भी प्रदान कर रही है, प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की कि पिछले वर्षों में, देश भर में 12 करोड़ से अधिक नए घरों को नल के पानी से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि अकेले सीवान जिले में 4.5 लाख से अधिक परिवारों को पहली बार नल का पानी मिला। श्री मोदी ने कहा कि सरकार हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन और शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में बिहार के विभिन्न शहरों में कई पाइपलाइन और सीवेज उपचार परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब दर्जनों और शहरों के लिए नई पाइपलाइन और सीवेज उपचार संयंत्रों को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ये सभी परियोजनाएं गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगी।” पिछली सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड की कड़ी आलोचना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी कार्रवाइयां लगातार बिहार विरोधी और निवेश विरोधी रही हैं। उन्होंने कहा कि जब भी ये पार्टियां विकास की बात करती हैं, तो लोगों को बंद दुकानें, ठप कारोबार और ठप उद्योग याद आ जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि ऐसी पार्टियां कभी भी बिहार के युवाओं का विश्वास नहीं जीत पाईं। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने ऐतिहासिक रूप से खस्ताहाल बुनियादी ढांचे, माफिया राज, अराजकता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के प्रतिभाशाली युवा जमीनी स्तर पर हो रहे काम को करीब से देख रहे हैं और उसका मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बिहार में एनडीए के विकास मॉडल के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में मरहौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री का हवाला दिया। उन्होंने घोषणा की कि मरहौरा फैक्ट्री में निर्मित पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह कारखाना सारण जिले में है, जिसे पहले पिछड़ा हुआ कहकर खारिज कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि आज इसी जिले ने वैश्विक विनिर्माण और निर्यात मानचित्र पर स्थान अर्जित किया है। बिहार के विकास इंजन को रोकने के लिए पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए, प्रधान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बिहार में बना एक इंजन अब अफ्रीका में ट्रेनों को शक्ति देगा, इसे बहुत गर्व का क्षण कहा। प्रधान मंत्री ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि बिहार ‘मेड इन इंडिया’ विनिर्माण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि न केवल मखाना, फल और सब्जियां जैसे स्थानीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे, बल्कि बिहार के कारखानों में निर्मित सामान भी वैश्विक मांग पाएंगे। श्री मोदी ने कहा, “बिहार के युवाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद एक आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करेंगे।” यह रेखांकित करते हुए कि बिहार में विकसित किए जा रहे आधुनिक बुनियादी ढांचे राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की कि पूरे बिहार में सड़कों, रेलवे, हवाई यात्रा और जलमार्गों में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार को लगातार नई ट्रेनें मिल रही हैं, जिनमें अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भी शामिल हैं। श्री मोदी ने एक बड़ी उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि सावन शुरू होने से पहले बाबा हरिहरनाथ की धरती अब नई वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिए बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि नई पटना-गोरखपुर वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल में भगवान शिव के भक्तों को आधुनिक यात्रा का विकल्प प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह ट्रेन भगवान बुद्ध की तपस्थली और उनकी महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम भी करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के प्रयासों से न केवल बिहार में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन क्षेत्र को भी काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इन विकासों से बिहार को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और अधिक प्रमुखता से चमकने में मदद मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके परिणामस्वरूप बिहार के युवाओं के लिए रोजगार के अनगिनत अवसर पैदा होंगे। संविधान की भावना सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना और भेदभाव को समाप्त करना है, इस बात पर जोर देते हुए श्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के माध्यम से इस सिद्धांत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इसकी तुलना पिछली सरकार के दृष्टिकोण से करते हुए कहा कि उनकी राजनीति ‘परिवार-प्रथम’ विकास के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो केवल उनके अपने हितों की सेवा करती है। उन्होंने अपने परिवारों की खातिर बिहार और देश भर में लाखों परिवारों के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी आलोचना की।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर ऐसी वंशवादी राजनीति के खिलाफ मजबूती से खड़े थे और इन पार्टियों पर उनकी विरासत का बार-बार अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने हाल ही में एक अन्य पार्टी से जुड़ी घटना का जिक्र किया, जहां डॉ अंबेडकर की तस्वीर का कथित तौर पर अनादर किया गया था और कहा कि पूरे बिहार में माफी मांगने वाले पोस्टर दिखाई दिए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर संदेह जताया कि कोई माफी मांगेगा और कहा कि इन पार्टियों में दलितों और महादलितों के प्रति वास्तविक सम्मान की कमी है। श्री मोदी ने कहा कि जहां पूर्ववर्ती सरकारें डॉ. अंबेडकर की छवि को अपने चरणों में रखती थीं, वहीं वे डॉ. अंबेडकर को अपने हृदय में रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारें डॉ. अंबेडकर का अपमान करके खुद को उनसे बड़ा दिखाने की कोशिश कर रही हैं और कहा कि बिहार की जनता बाबा साहब के इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के तेज विकास के लिए जरूरी लॉन्चिंग पैड श्री नीतीश कुमार के प्रयासों से पहले ही तैयार हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब उनके गठबंधन की जिम्मेदारी है कि वे मिलकर काम करें और बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। श्री मोदी ने बिहार के युवाओं पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि वे मिलकर राज्य के प्राचीन गौरव को बहाल करेंगे और बिहार को विकसित भारत का शक्तिशाली इंजन बनाएंगे। उन्होंने चल रहे विकास कार्यों के लिए शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह, चिराग पासवान, नित्यानंद राय, राम नाथ ठाकुर, डॉ. राज भूषण चौधरी, सतीश चंद्र दुबे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पृष्ठभूमि बिहार में बुनियादी ढांचे और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने सीवान में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया। क्षेत्र में रेलवे के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए, प्रधानमंत्री ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन परियोजना का उद्घाटन किया और इस मार्ग पर एक नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। इसके अतिरिक्त, उत्तर बिहार में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर और बेतिया के माध्यम से पाटलिपुत्र और गोरखपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। “मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड” के विजन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने गिनी गणराज्य को निर्यात के लिए मरहोरा प्लांट में निर्मित अत्याधुनिक लोकोमोटिव को भी हरी झंडी दिखाई। यह इस कारखाने में निर्मित पहला निर्यात लोकोमोटिव है। वे उच्च-हॉर्सपावर इंजन, उन्नत एसी प्रणोदन प्रणाली, माइक्रोप्रोसेसर-आधारित नियंत्रण प्रणाली, एर्गोनोमिक कैब डिजाइन से सुसज्जित हैं और पुनर्योजी ब्रेकिंग जैसी तकनीकों को शामिल करते हैं।
गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले नमामि गंगे परियोजना के तहत छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने बिहार के विभिन्न शहरों में 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले जल आपूर्ति, स्वच्छता और एसटीपी की आधारशिला भी रखी, जिसका उद्देश्य इन शहरों के नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। क्षेत्र में बिजली के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए, पीएम ने बिहार में 500 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) क्षमता की आधारशिला रखी। मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, सीवान सहित राज्य के 15 ग्रिड सबस्टेशनों पर स्टैंडअलोन बीईएसएस लगाए जा रहे हैं। प्रत्येक सबस्टेशन में लगाई जाने वाली बैटरी की क्षमता 20 से 80 मेगावाट के बीच है। इससे वितरण कंपनियों को पहले से संग्रहित बिजली को वापस ग्रिड में भेजकर महंगी दरों पर बिजली खरीदने से बचाया जा सकेगा, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने बिहार में पीएमएवाई यू के 53,600 से अधिक लाभार्थियों को पहली किस्त भी जारी की। वे पीएमएवाई यू के 6,600 से अधिक पूर्ण हो चुके घरों के गृह प्रवेश समारोह के अवसर पर कुछ लाभार्थियों को चाबियां भी सौंपेंगे।