लखनऊ। बृहस्पतिवार को प्रदेश के कांग्रेस मुख्यालय पर पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता Priyanka Chaturvedi प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्रकारों के संग बातचीत करते हुए कहा कि मोदी भारत के गरीबों, किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है और प्रदेश में बैठी योगी सरकार इसका पूरा अनुसरण कर रही है। इस वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर भी मौजूद रहे।
जनता के हितों का तिरस्कार कर रही मोदी सरकार : Priyanka Chaturvedi
कांग्रेस मुख्यालय पर हुई प्रेस वार्ता के दौरान प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जब से प्रदेश में अजय सिंह बिस्ट (योगी आदित्यनाथ ) की सरकार सत्ता में आयी है, उसने गरीबों, किसानों एवं कमजोर वर्गों के विरुद्ध काम करना जारी रखा है। अपने नवीनतम प्रयास में उन्होंने उत्तर प्रदेश भूमि अधिग्रहण के कानून में बदलाव लाने की मांग की है कि किसानों के उचित मुआवजे के प्रावधान पर सीधा प्रहार है।
उत्तर प्रदेश के नए क़ानून के अनुसार ‘भूमि अधिग्रहण सर्किल रेट पर होगा , न की UPA सरकार द्वारा बनाए कानून के दरों के अनुसार होगा।
भूल गए मुनाफे का वादा , अब है जमीन बेचने का इरादा : प्रियंका चतुर्वेदी
नए भूमि अधिग्रहण बिल की खामियों के बारे में बताते हुए प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भूमि अभिलेखों के दशकों से नवीनीकरण न होने के चलते ग्रामीण इलाकों के सर्किल रेट बहुत ही कम है, जिसका वास्तविक मूल्य के करीब होना भी एक कल्पना ही है। इस बिल के तहत गरीबों में भी जो अत्यन्य गरीब होगा वह सबसे ज्यादा पीड़ित होगा।
- वास्तव में यह बिल किसानों के परिवार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। किसानों की ऋण माफ़ी योजना इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। जहाँ किसानों को 1 रूपये का चेक दिया गया।
- गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग लखनऊ के अनुसार 4 अप्रैल तक लगभग 8108 करोड़ रु0 का भुगतान किया गया जो की कुल भुगतान का 30 प्रतिशत है।
कांग्रेस द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल एक ऐतिहासिक कानून
राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, 2013 में यूपीए सरकार ने इस विषय पर एक शताब्दी पुराने औपनिवेशिक कानून की जगह भूमि अधिग्रहण पर एक ऐतिहासिक कानून बनाया था जिसके तहत-
- किसी भी अधिग्रहण से पहले प्रभावित किसान परिवार की सहमति लेना अत्यावश्यक था।
- प्रभावित किसानों को पुनर्वास के तहत अनिवार्य रोजगार ,भूमि के बदले भूमि और 20 वर्षों तक अतिरिक्त मासिक भुगतान उल्लेखित था।
उन्होंने कहा कि 2013 में आये इस कानून की सुषमा स्वराज व राजनाथ सिंह ने एक ऐतिहासिक कानून के रूप में इसकी सराहना की थी।