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बढ़ी हुई बिजली दरों के खिलाफ “आप” ने किया प्रदर्शन

लखनऊ। बिजली के बढ़े हुए बिल को जलाकर आप कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आप कार्यकर्ताओं ने यूपी सरकार पर 8 महीने के अन्दर इस बढ़ोत्तरी को करने का आरोप लगाते हुए सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ गाँधी प्रतिमा हजरतगंज पर इकठ्ठे होकर आन्दोलन के पहले चरण में बिजली बिल की प्रतियां जलाकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर अवध प्रान्त अध्यक्षा ब्रज कुमारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की दर में 70 प्रतिशत तक की वृद्धि की गयी है। पहले जहां 2 किलोवाट तक के अनमीटर्ड लोड पर फिक्स चार्ज 180 रूपये/किलोवाट/मासिक से बढाकर 300 रूपये कर दिया गया। ऐसे में उपभोक्ता को 360 रूपये के बजाय अब 600 रूपये प्रति माह देना होगा और 5 किलोवाट से टयूबवेल चलने वाले किसान को 1000 रूपये प्रति माह की बजाय अब 1500 रूपये देने होंगे। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इंडस्ट्री चलाने वालों को इससे छूट दी गयी है। योगी सरकार द्वारा बिजली दरों में की गई भारी बढ़ोत्तरी के खिलाफ मुहीम चलाकर संघर्ष किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आन्दोलन के अगले चरण में 21 दिसम्बर को मशाल जुलूस, 22 दिसम्बर को एक हाथ में फूल, दूसरे हाथ में लालटेन लेकर गांधीवादी तरीके से स्थानीय विधायक को ज्ञापन सौंपा जायेगा। इसके साथ 23 दिसम्बर को पुनः मशाल जुलूस, 24 दिसम्बर को बिजली विभाग की शव यात्रा निकाली जायेगी। इसके बाद 25 दिसम्बर से वार्ड एवं मोहल्ला स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जायेगा। 15 जनवरी को हस्ताक्षर अभियान की समाप्ति पर बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस कराने के लिए सैंकड़ों कार्यकर्ता शक्ति भवन का घेराव करेंगे।
केजरीवाल सरकार ने घटाई बिजली दरें
जिला सचिव एसपी बागी ने कहा कि शहर में पार्टी कार्यकर्त्ता घर-घर जाकर बिजली वृद्धि के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे और हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ लोगों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सरकार बनते ही बिजली की दरें आधी कर दी थी और इसके बाद बिजली के दरों में कोई भी बढोत्तरी नहीं की गई है। योगी सरकार ने प्राइवेट कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी की है। कार्यक्रम में नीरज श्रीवास्तव, सबीना सिद्दकी, अंजू सिंह, अजय गुप्ता, ब्रजेश तिवारी, नजरुल हक, बालगोविन्द वर्मा, ललित तिवारी, डॉ अतहर सिद्दकी, के के श्रीवास्तव, कमल किशोर, फैज़ सिद्दकी, तुषार श्रीवास्तव, वंशराज दुबे, अभिषेक यादव, जीतेन्द्र सिंह, अभय गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्त्ता शामिल रहे।

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