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कोरोना से लड़ने के लिये जनप्रतिनिधियों ने बढ़ाए हाथ

रायबरेली। कोरोना वायरस रुपी महामारी से लड़ने के लिये जहां सरकार अपनी भरसक कोशिशों में लगी है। वही जिले के कुछ जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी निधि का मुह इस आपदा से निपटने के लिये खोल दिया है। अपनी निधियों से जनता की हर मदद व मास्क सेनेटाइजर तथा उपकरणों की व्यवस्था के लिये मुख्य विकास अधिकारी व जिला जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।

अभी तक इन माननीयों की निधि का कोई प्रयोग जिले में सम्भव नही था लेकिन शासन ने इस नीति पर बदलाव कर दिया है अब इसका प्रयोग किया जा सकेगा। इन प्रतिनिधियों में अदिति सिंह ने अपने तीन महीने का वेतन दिया है जो औरों के लिये एक उदाहरण है। इस सम्बंध में सभी प्रतिनिधियों से बात करने का प्रयास किया गया। एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने बताया की उन्होंने अपनी निधि से एक करोड़ की सहयता की है और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जो भी उनके लायक मदद हो करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा की वो हर समय फोन पर उपलब्ध रहेंगे। जो भी उनसे किसी भी प्रकार की मदद लेना चाहे उन्हे फोन कर सकता है वह हर सम्भव सहयता करेंगे।

इसी प्रकार ऊंचाहार के विधायक डा. मनोज कुमार पांडेय ने भी अपनी निधि से एक करोड़ रुपए की सहायता की है। उनसे फोन पर सम्पर्क किया गया लेकिन वह पूजा पर बैठे हुए थे। अधिक बात नही हो पायी। इनमें सदर विधायक अदिति सिंह ने अपना तीन माह का वेतन व सम्पूर्ण बची निधि देने के लिये पत्र लिखा है।

उन्होने ट्विटर व फेसबुक के जरिये भी आम जन मानस से भी मदद को आश्वस्त किया है। खैर उनसे फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया पर बात नही हो सकी। उधर हरचन्दपुर के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने अपनी निधि से एक करोड़ पचास लाख की मदद की है। साथ ही यह भी लिखा की जिसको जो मदद की जाय उसकी सूची सहित सूचना उन्हे दे दी जाय।

भाजपा के बछरावाँ विधायक रामनरेश रावत ने अपनी निधि से एक करोड़ की मदद देते हुए कहा है इसे जिस प्रकार संभव हो जन मानस की सहायता के लिये प्रयोग कर लिया जाए। उधर शिक्षक विधायक ने जिले के लिए अपनी निधि से एक लाख की सहायता की बात कही। उन्होने कहा की उन्होने सात जिलों के लिये सात लाख दिये हैं। बाकी जिले के अन्य किसी प्रतिनिधि ने किसी प्रकार की मदद का एलान नही किया है।

लेकिन जो भी राशि इन प्रतिनिधियों ने दी है उससे फौरी तौर पर जनता को कोई राहत नही मिलने वाली है क्योकि इस महामारी को बचाव से ही रोका जा सकता है और इस निधि के तहत बचाव की सामग्री खरीद कर बाँटने का कोई प्रावधान नही था। लेकिन इसमे परिवर्तन करते हुए अब शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है की अब इसका उपयोग जिले के अधिकारी अपने स्तर से बचाव कार्य के लिये कर सकते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी निधि से दी जा रही धनराशि का किस प्रकार से प्रयोग होगा इस सम्बंध मे जब मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल से बात की गयी तो उन्होने बताया शासन के निर्देश के अनुसार इस राशि से चिकित्सको को सेनेटाइजर या माक्स खरीदने का प्रावधान किया गया है। बाकी जो निर्देश मिलेगा किया जायेगा। उपकरण आदि लिये जा सकते हैं। अभी उसकी आवश्यकता नही है होगी तो लिये जायेगें।

रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्र

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