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वंचितों को बड़ी राहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना व लॉक डाउन से होने वाली कठिनाइयों पर कई मोर्चों पर कार्य कर रहे है। उन्होने अर्थ जगत के लोगों से भी विचार विमर्श किया था। वह स्वयं रोज कमाने वालों के दर्द को समझते है। उनके निर्देश पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कोरोना के मद्देनजर कदम उठाये है। एक लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। सीतारमण ने कहा कि जो लोग इस जंग को लड़ रहे हैं, चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें पचास लाख का लाइफ इंश्योरेंस दिया जाएगा। इससे बीस लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ मिलेगा। सरकार का प्रयास है कि देश में लॉक डाउन के दौरान कोई गरीब भूखा न रहे। इसके लिए सरकार ने इंतजाम किए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यह सुनिश्चित करेगी की हर गरीब को खाना मिले।


योजना के तहत पांच किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा। इसका फायदा अस्सी करोड़ लाभार्थी को मिलेगा। साथ ही एक किलो दाल का प्रावधान किया गया है। अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में दो हजार रुपये की किस्त डाल दी जाएगी। देश के आठ करोड़ सत्तर लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। यह सराहनीय है कि सरकार आठ करोड़ सत्तर लाख किसानों को सीधा लाभ पहुंचा रही है। बुजुर्ग,विधवा और दिव्यांगों को एक हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इस वर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किया जाएगा। इससे लगभग तीन करोड़ लोगों को फायदा होगा।


उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इन्हें तीन महीने तक मुफ्त सिलिंडर दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह पांच सौ रुपये दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इसका लाभ बीस करोड़ महिलाओं को होगा। दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बीस लाख तक का लोन दिया जाएगा। पहले इनको दस लाख तक का लोन दिया जाता था। मनरेगा के तहत आने वाले मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ा दी गई है। ये दिहाड़ी पहले एक सौ बीस रुपये थी, जो अब दो सौ दो रुपये हो गई है। इससे पांच करोड़ परिवार को फायदा होने की उम्मीद है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर निर्माण क्षेत्र से जुड़े करीब सवा तीन करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर लाभान्वित होंगे।इनके लिए इकतीस हजार करोड़ रुपये का फंड रखा गया है। संगठित क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण एलान संगठित क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण एलान किए गए हैं। अगले तीन महीने तक ईपीएफ में सरकार योगदान देगी। ईपीएफ का बारह प्रतिशत जो कर्मचारी देता है और इतना ही जो कंपनी देती है, यह दोनों ही अगले तीन महीने तक सरकार देगी।

इसके अतिरिक्त पीएफ स्कीम रेगुलेशन में बदलाव कर नॉन रिफंडेबल एडवांस पच्छत्तर प्रतिशत जमा रकम या तीन महीने के वेतन को निकालने की सुविधा भी दी जाएगी। वित्तमंत्री ने राज्य सरकारों से सहयोग का अनुरोध किया है। जिससे जरूरतमंदों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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