लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने आज लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित तथागत सभागार में उत्तर प्रदेश सेतु अनुरक्षण पॉलिसी 2023 की लांचिंग की। इस अवसर उन्होंने कहा कि सुरक्षा मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में है, इसी को दृष्टिगत रखते हुए सेतु अनुरक्षण पॉलिसी बनायी गई है।
जितिन प्रसाद ने कहा कि यह नीति अपने तरह की पहली नीति है जो अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण होगी। मुझे पूर्ण विश्वास हैं की यह नीति विभाग की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य करेगी। इस पालिसी के तहत विभाग समस्त सेतुओं का एक जीआईएस डेटावेस तैयार करेगा। इस डेटावेस में एक एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन सिस्टम भी होगा जो अधिकारियों पुल को की वस्तुस्तिथि की समीक्षा करने में सहयोग करेगा।
श्री प्रसाद ने बताया कि इसके अतिरिक्त इस नीति में विभिन्न श्रेणी के निरीक्षण, जैसे की routine inspection and Principal Inspection के व्यापक दिशानिर्देश स्थापित किये गए है जिसके द्वारा अधिकारी सेतुओं का एक विस्तृत एवं बिंदुवार निरीक्षण कर सकेंगे जिससे इन संरचनाओं के जीवन काल को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत सेतुओं का नियमित निरीक्षण वर्ष में दो बार मई और नवंबर में (बरसात के पहले और बाद में) किया जाएगा। यदि नियमित निरीक्षण में पुल की संरचना में कोई समस्या पाई जाती है तो निरीक्षण की आवृत्ति आवश्यकता अनुसार बढ़ा दी जाएगी।
उन्होंने ने बताया कि यह नीति substructure and superstructure के लिए Mobile Bridge Inspection Units (MBIU) जैसी आधुनक तकनीकों का सेतु निरीक्षण में समावेश कर सेतु अनुरक्षण को और प्रभावी बनाएगा। इन उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर विभाग वार्षिक सेतु अनुरक्षण का बजट तैयार करेगा।
जितिन प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज आर्थिक समृद्धि के नए आयाम तय करने की और अग्रसर हैं। हम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण कदम प्रदेश में एक विस्तृत सड़क नेटवर्क विकसित करना है जो स्वास्थ्य और शिक्षा सम्बन्धी सेवाओं को समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए मूलभूत ढाँचे का काम कर सके।
आज उत्तर प्रदेश के पास राष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है एवं हमारी सड़कों की कुल लंबाई 4 लाख किमीलोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सेतु अनुरक्षण पॉलिसी 2023 लॉन्च किया से अधिक है। इस विषय में यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि नेटवर्क का आधारभूत ढाँचा खड़ा करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण है उसका नियमित रखरखाव करना।
इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ऐसे नीतिगत कदम उठा रहा है जिनसे इस आधारभूत ढाँचे का समुचित रखरखाव हो सके एवं यह दीर्घकाल तक जनता के लिए उपयोगी रहे। सेतु अनुरक्षण नीति 2023 इसी दिशा में एक आवश्यक निर्णय है।