लखनऊ। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर को विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ के सभागार में ‘समान नागरिक संहिता’ की आवश्यकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने देश में समान नागरिक संहिता बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
संगोष्ठी का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात अमेरिकी पत्रकार डॉ रिचर्ड बेकिन और पूर्व कैबिनेट मंत्री सरजीत सिंह डंग ने भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ की।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात पत्रकार एवं लेखक संयुक्त राज्य अमेरिका डॉ रिचर्ड बेंकिन ने कहा कि अमेरिका में समान नागरिक संहिता है। भारत की प्रगति तभी हो सकती है जब यहां पर भी समान नागरिक संहिता बने।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की जमकर प्रशंसा की। डॉ रिचर्ड बेंकिन ने कहा कि अमेरिका भारत का दोस्त था, है और ओग भी रहेगा। अमेरिकी निवेशक जार्ज सोरोस के बारे में डॉ रिचर्ड बेंकिन ने कहा कि यह आदमी न भारत का हितैषी है और न अमेरिका का।
पूर्व मंत्री सरजीत सिंह डंग ने कहा कि देशकाल व परिस्थिति के अनुसार स्मृतियों व संविधान में संशोधन होना चाहिए। हमारे प्रतापी पूर्वजों ने राजनैतिक ही नहीं अपितु पारिवारिक रूप से भी देश को संगठित करने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा नहीं होना चाहिए था लेकिन विभाजन हुआ। विगत पांच सौ वर्षों के अंदर भारत के कई टुकड़े हो गये। सरबजीत सिंह डंग ने कहा कि जो लोग शरीयत के नाम पर शरारत करते हैं वह लोग सरीयत का कानून लागू करने की मांग क्यों नहीं करते।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि विद्यांत स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ की प्राचार्य प्रोफेसर धर्म कौर ने कहा कि जब केन्द्र में मोदी और प्रदेश में योगी हैं तो समान नागरिक संहिता में देरी क्यों? उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों का फायदा जब सभी नागरिक उठाते हैं तो देश में सबके लिए एक समान कानून भी होना चाहिए।
पूर्व आईएएस कैप्टन राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि शक्ति विहीन राजनीति से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। जब-जब हमारे देश की सत्ता कमजोर नेतृत्व के हाथों में गयी तब-तब देश कमजोर हुआ है।
विश्व संवाद केन्द्र के सचिव अशोक सिन्हा ने समान नागरिक संहिता देश के लिए जरूरी क्यों है इस पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व संवाद केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र भदौरिया ने की।