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राहुल गांधी जिलाध्यक्षों से बात कर गठबंधन पर ले सकते हैं फैसला

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस यूपी में संगठन मजबूत करने में जुट गई है। इसी सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को कांग्रेस जिला अध्यक्षों से बात करेंगे। वह जिला अध्यक्षों से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करेंगे। हालांकि जिलाध्यक्षों को ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी ऑप्शन दिया गया है। सूत्रों की मानें तो महागठबंधन को लेकर राहुल जिलाध्यक्षों से राय मांग सकते हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक गुरुवार सुबह 10 बजे का समय दिया गया था। इसमें राहुल गांधी अपनी बात कांग्रेस अध्यक्षों से रखेंगे और उनसे उनके क्षेत्र के सियासी हालात की जानकारी लेंगे।

राहुल गांधी जिलाध्यक्षों से जानेंगे स्थानीय मुद्दे

जिलाध्यक्षों से बातचीत के दौरान राहुल स्थानीय मुद्दों पर भी बात करेंगे ताकि उन मुद्दों को जोर-शोर से प्रदेश इकाई द्वारा उठाया जा सके। इनमें से कुछ गंभीर मुद्दों को कांग्रेस 2019 में होने वाले चुनाव में कांग्रेस अपने घोषणापत्र में जगह दे सकती है। एक तरफ जब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा यूपी को लेकर बरती जा रही उदासीनता के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में सीधे तौर पर होने वाली बात को काफी अहम माना जा रहा है।बता दें कि यह पहला मौका होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष सामूहिक तौर पर कांग्रेस के जिला अध्यक्षों से सीधी बात करेंगे। पहले करीब 15 दिन पहले उन्होंने ब्लॉक अध्यक्षों से बात की थी। इसमें उन्होंने ब्लॉक इकाइयों को जनता के बीच जाकर मौजूदा सरकार की कमियों को सामने लाने के लिए कहा था।

यूपी में कम से कम 30 सीटों पर चुनाव

कांग्रेस के लखनऊ जिलाध्यक्ष गौरव चौधरी का कहना है कि किस मुद्दे पर ये कॉन्फ्रेंसिग रखी गई है, ये तो उन्हें भी नहीं पता लेकिन संगठन से जुड़ी बातें ही होंगी और प्रत्येक जिलाध्यक्षों से सुझाव भी मांगेंगे।मौजूदा समय और राजनितिक हालातों को देखते हुए यूपी में महागठबंधन की राह अभी तक आसान नहीं दिख रही है। ऐसे में कांग्रेस ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। गठबन्धन की प्रतीक्षा में हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने के बजाये कांग्रेस ने जिन दो दर्जन सीटों को चिन्हित किया है उनमें से अधिकांश लोकसभा सीटें पार्टी के दिग्गज नेताओं से जुड़ी रही हैं।

कांग्रेस रायबरेली व अमेठी के अलावा पडरौना, कानपुर, उन्नाव, सहारनपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी, धौरहरा, फैजाबाद समेत ढाई दर्जन सीटों पर चुनावी नतीजे पक्ष में करने के लिए पार्टी ने सारा ध्यान अभी से इन सीटों पर केंद्रित कर दिया है। इतना ही नहीं पार्टी नेतृत्व ने नेताओं से गठबन्धन को लेकर किसी तरह की बयानबाजी से दूर रहने की सख्त हिदायत भी दे रखी है। अगर सारे जोड़तोड़ के बाद भी गठबंधन पर बात नहीं बनी तो कांग्रेस यूपी में कम से कम 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

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