भारतीय रेलवे की तरफ से उन लोगों को जल्द ही राहत मिल सकती है जो सामान्य रेलों के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक भारतीय रेलवे अगले दो महीनों में अपनी यात्री ट्रेन सेवाओं को कोरोना महामारी से पहले वाले स्तर पर बहाल कर सकता है, बशर्ते इसके लिए राज्य सरकारें इस बात के लिए स्वीकृति दें कि COVID-19 महामारी नियंत्रण में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्तमान में 66% ट्रेन सेवाएं विशेष ट्रेनों के रूप में चालू हैं, जिनका किराया सामान्य ट्रेनों से ज्यादा है। इसका कारण ये भी है कि इन रेलों को पूरी तरह आरक्षित ही संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ विशेष श्रेणियों को छोड़कर इस दौरान रेलवे में किसी भी यात्री को किसी तरह की रियायत नहीं मिल रही है। गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में लॉकडाउन के बाद से रेल सेवाओं को बंद कर दिया गया था। लेकिन मई 2020 से चरणबद्ध तरीके से देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेष ट्रेन सेवाओं को शुरू किया गया।
इस समय देश में 77% एक्सप्रेस, मेल ट्रेनें सेवा में हैं, 91% उपनगरीय ट्रेनें चल रही हैं, जबकि केवल 20% यात्री ट्रेनें वर्तमान संचालित की जा रही हैं। जबकि महामारी से पूर्व भारत में प्रतिदिन औसतन मेल ट्रेनों की संख्या 1,768 थी जो अब 1,353 प्रति दिन है। वहीं, महामारी से पहले 3,634 यात्री ट्रेनें प्रतिदिन चल रही थीं, लेकिन वर्तमान में केवल 740 प्रतिदिन सेवा में हैं। पूर्व-कोविड समय के दौरान, 5,881 उपनगरीय / स्थानीय ट्रेनें प्रति दिन परिचालन में थीं, और अब, 5,381 ट्रेनें प्रतिदिन ट्रैक पर दौड़ रही हैं।