गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार corruption को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिये सिर्फ प्रक्रियागत सुधार काफी नहीं है। उन्होंने कहा इस समस्या को खत्म करने के लिये लोगों को अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। ‘ऑन द ट्रेल ऑफ द ब्लैक’ नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीएम मोदी की सरकार पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। क्योंकि देश से इसे उखाड़ फेंकने के लिये प्रधानमंत्री खुद इसकी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
एसआईटी का गठन
राजनाथ सिंह ने कहा,आपसी बातचीत में प्रधानमंत्री हमेशा इस बात पर जोर देते हैं कि जब तक भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया जायेगा तब तक हम गरीबी और अन्य मुद्दों से नहीं लड़ सकते हैं।
- इस सरकार की पहली मंत्रिमंडलीय बैठक में कालाधन को वापस लाने के लिये एसआईटी का गठन।
- जब तक भ्रष्टाचार मौजूद है,तब तक विकास के तय लक्ष्य को हासिल कर पाना संभव नहीं है।
- जब आय का अंतर बढ़ता है तो सामाजिक अशांति बढ़ जाती है,यह सभी के लिये चिंता का विषय है।
- मोदी सरकार बेनामी संपत्ति अधिनियम के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
- केंद्र ने डीबीटी शुरू कर 65,000 करोड़ रुपये बचाये हैं।
- ई-टेंडरिंग और ई-खरीद को भी लागू किया गया।
प्रक्रियागत सुधार की आवश्यकता
डिजिटाइजेशन और प्रक्रियागत बदलावों को लेकर चर्चा में कहा,हम भ्रष्टाचार कम करने के लिये प्रक्रियागत सुधार करेंगे।