आजकल कई लोग स्टैमिना की कमी से भी जूझ रहे हैं। जैसे कि बिना मेहनत किए पसीना आना, बहुत जल्दी थक जाना, दिन भर सुस्ती आना, थोड़ा सा काम कर लेने पर चक्कर आना, ये सब दर्शाते हैं स्टैमिना का मतलब है आपके शरीर की उर्जा व आपके आंतरिक बल से। सामान्य शब्दों में कहे तो स्टैमिना अर्थात व्यक्ति द्वारा किसी भी काम को मानसिक या शारीरिक रूप से लंबे समय तक जारी रख पाना। वैसे आमतौर पर अधिकांश लोग स्टैमिना से शारीरिक कार्यों को करने की क्षमता ही समझते है, लेकिन असल में यह मानसिक कार्यों को लंबे समय तक जारी रखने से भी जुड़ा है।
स्टैमिना कम होने की स्थिति में शरीर देने लगता है ये संकेत
-हर वक्त खुद को थका हुआ महसूस करना और चक्कर आना।
-आंखों के सामने कभी-कभी धुंधलापन छा जाना।
-किसी काम को करने में मन न लगना।
-हाथों और पैरों में दर्द महसूस होना।
-अधिक नींद आना।
-थोड़ी दूर तक चलने में या कुछ ही सीढ़ियां चढ़ते वक्त थकान लगना।
-किसी भी शारीरिक व मानसिक काम को लंबे समय तक नहीं कर पाना और कुछ देर में ही थकान व ब्रक की जरूरत महसूस होना।
-बिना मेहनत किए पसीना आना।
– भूख नहीं लगना।
शरीर में स्टैमिना कम क्यों होता है?
नींद की कमी: दरअसल, नींद से ना सिर्फ आपको मानसिक रूप से आराम मिलता है, बल्कि इससे आपके शरीर को नई ऊर्जा भी मिलती है। जो लोग रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद नहीं ले पाते हैं, उनके शरीर की ताकत धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिससे उनका किसी काम में मन भी नहीं लगता।
कार्बोहाइड्रेट की कमी: क्या आपको पता है कि कार्बोहाइड्रेट का सेवन ही शरीर को सबसे ज्यादा एनर्जी देता है। ऐसे में अपने खान-पान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को संतुलित रखें।
पानी कम पीना: हमारे शरीर का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पानी से निर्मित होता है, ऐसे में शरीर में पानी की जरा सी भी कमी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाती है। ऐसे में अगर शरीर में पर्याप्त पानी नहीं होगा तो भी स्टैमिना कम होने लगता है, इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में पानी पिते रहें।