सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफी के बढ़ते प्रसार और इससे बच्चों तथा समाज पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों की समस्या को लेकर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा गठित राज्यसभा सदस्यों की तदर्थ समिति ने गूगल, ट्विटर, शेयरचैट और एचईआरडी फाऊंडेशन के अधिकारियों के साथ मुलाकात की. इन अधिकारियों से पूछा गया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए उनकी कंपनियों ने क्या उपाय किए हैं? इस पर अधिकारियों ने अपने सुझाव सांझा किए हैं. बैठक में मौजूद एक सूत्र के अनुसार समिति सदस्यों ने प्रौद्योगिकी कंपनियों से उनसे संबंधित प्लेटफार्मों पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने के तरीकों के बारे में पूछा है. बैठक में गूगल के इंडिया मैनेजर (सार्वजनिक नीति) राहुल जैन, ट्विटर इंडिया की नीति प्रमुख महिमा कौल, शेयरचैट के सार्वजनिक नीति और नीतिगत संचार प्रमुख बर्गेस मालु तथा एचईआरडी फाऊंडेशन के अमोल देशमुख और सुचेता गुप्ता ने भाग लिया.
जानकारी रखने वाले एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि कंपनी के अधिकारियों में से एक ने सुझाव दिया है कि अमरीका में बच्चों के ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम (सीओपीपीए) की तर्ज पर कुछ प्रावधान किया जाए. यह कानून इंटरनेट सेवाओं और वेबसाइटों के संचालकों द्वारा बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी का संग्रह और उपयोग नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है. इस अधिकारी ने अमरीका में संघीय व्यापार आयोग की तरह एक निकाय होने का भी सुझाव दिया जो ऑनलाइन मीडिया प्लेटफार्मों को नियंत्रित करता है. गूगल से उसके सॄचग प्लेटफॉर्म और इस प्लेटफॉर्म पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा गया है.
सामाजिक मसलों के अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने वाले एचईआरडी फाऊंडेशन ने अपराधियों पर निगारनी रखने के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करने समेत चाइल्ड पोर्नोग्राफी की समस्या से निपटने को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली इस समिति ने 20 दिसम्बर को फेसबुक, टिकटॉक और अन्य सरकारी प्रतिनिधियों से इसी विषय पर उनके विचार जानने के लिए मुलाकात की थी. उस बैठक में फेसबुक ने समिति को मलेशियाई संचार एवं मल्टीमीडिया आयोग (एमसीएमसी) के साथ अपनी सांझेदारी के बारे में अवगत कराया था. टिकटॉक से अश्लील सामग्री फैलाने के लिए मंच के दुरुपयोग के बारे में पूछा गया था.