इंफाल: मणिपुर की राजधानी इंफाल में अफ्स्पा को फिर से लागू करने और जिरीबाम में तीन बच्चों और तीन महिलाओं की हत्या के विरोध में सैकड़ों लोगों ने एक रैली में हिस्सा लिया। यह रैली पश्चिमी इंफाल के थाउ मैदान से शुरू हुई और पांच किमी की दूरी तय करने के बाद खुमान लैंपक स्टेडियम में इसका समापन हुआ। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लेकर मणिपुर को नष्ट मत करो और मणिपुर को बचाओ के नारे भी लगाए। उन्होंने अफ्स्पा हटाने की मांग की।
मानवाधिकार दिवस के मौके पर रैली का आयोजन
मानवाधिकार दिवस के मौके पर रैली का आयोजन संयुक्त रूप से ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन, पोइरेई लीमारोल मीरा पैबी अपुनबा मणिपुर, ऑल मणिपुर महिला स्वैच्छिक संघ, मानवाधिकार समिति और मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन द्वारा किया गया था।
रैली को लेकर एक महिला प्रदर्शनकारी एस. निरुपमा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “मानवाधिकार दिवस के मौके पर हम पुष्टि करना चाहते हैं कि मणिपुर के लोग राज्य में अफ्स्पा लागू करने के साथ-साथ कूकी और जो उग्रवादियों द्वारा महिलाओं और बच्चों की हत्या के विरोध में डट कर खड़े हैं। इंफाल घाटी और नागा क्षेत्रों में अफ्स्पा के कारण बहुत नुकसान हुआ। यह उग्रवाद से लड़ने के नाम पर नागरिकों को मारने का एक उपकरण है।”
पुलिस ने बताया कि रैली को देखते हुए राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रैली के दौरान किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है। बता दें कि हाल ही में केंद्र ने मणिपुर के छह पुलिस स्टेशनों में अफ्स्पा को फिर से लागू कर दिया था।
क्या है अफ्स्पा?
‘अफ्स्पा’ अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने की शक्तियां देता है। सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए अफस्पा(AFSPA) के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाता है।