मुंबई। स्वर कोकिला और भारतरत्न लता मंगेशकर के निधन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं। उन्होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा है “कर्मठ राष्ट्रप्रेमी और पूरी दुनिया की अनेकानेक पीढ़ीओं पर अपनी मीठी आवाज का जादू छानेवाली भारतरत्न गानकोकिला श्रीमती लता मंगेशकर तो अमर हैं।”
“लता मंगेशकर के संगीत के करोड़ों प्रशंसों में से मैं एक”- पूर्व राज्यपाल
राम नाईक ने स्वर कोकिला के करोड़ों प्रशंसकों में से खुद को एक बताया है। उन्होंने कहा कि उनके संगीत के बारे में जितना कहा जाए वह कम ही होगा। व्यक्तिगत तौर पर संगीत की तरह उनके कर्मठ राष्ट्रप्रेम से भी मैं अभिभूत हूं। दुश्मन राष्ट्रों से युद्ध का समय हो या नैसर्गिक आपदा का या फिर जनता के आरोग्य के लिए कुछ करने की बात हो। लता जी मुक्त हस्त से देती आयी हैं। उन्होंने अपना एक संस्मरण बताते हुए कहा कि “स्वयं मैंने 1950 के दशक में तत्कालीन भारत सरकार के अनुकूल न होते हुए भी दादर–नागर हवेली के स्वतंत्रता संग्राम के लिए किस तरह धन इकठ्ठा किया यह मैं जानता हूं।”
दादर-नागर हवेली की स्वतंत्रता महोत्सव में लता जी थीं मौजूद- राम नाईक
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि दादर–नागर हवेली की स्वतंत्रता का स्वर्ण महोत्सव का क्षण था। हो या फिर स्व. सुधीर फडके के ‘वीर सावरकर’ चित्रपट के विशेष प्रसारण। इन दोनों कार्यक्रम में लता मंगेशकर शामिल थीं। उन्होंने बताया कि चित्रपट के विशेष प्रसारण में शामिल होने लता जी दिल्ली में जब मेरे निवास पधारी वह पल मैं भूल नहींन सकता। मेरे लिए उनके निकट सानिध्य के वो पल हमेशा अनमोल रहेंगे। “मेरी लता दीदी को आदरांजलि।”
Report- Anshul Gaurav