भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर दो बैंकों को तगड़ा झटका दिया है। आरबीआई ने दो बैंकों को जुर्माना लगाया है। बैंकों पर नियमों के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया है। RBI ने एक बैंक ऑफ बड़ौदा और दूसरा मुंबई स्थित कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को जुर्माना ठोका है। BoB पर बिहार के गैर-सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. के संदर्भ में जारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के लिए 2.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है।
वहीं कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर डायरेक्टर रिलेटेड लोन्स के मामले में निर्देशों के उल्लंघन को लेकर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। BoB द्वारा शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा गया, ‘‘रिजर्व बैंक ने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बैंक पर 2.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना आरबीआई द्वारा बैंक की भागलपुर शाखा में सृजन महिला विकास सहयोग समिति के विभिन्न खातों के संदर्भ में जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है।’’
चल रही CBI जांच
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) NGO सृजन महिला विकास सहयोग समिति और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से कथित 1,000 करोड़ रुपये के घाटा मामले की जांच कर रहा है। कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी समेत अन्य गड़बड़ी को लेकर BoB, इंडियन बैंक और समिति के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा पटना और दिल्ली में भी प्राथमिकी दर्ज की गयी है। मुंबई के थाणे स्थित कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माने के मामले में RBI ने बयान में कहा कि केन्द्रीय बैंक ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके उत्तर के तौर पर बैंक ने लिखित और मौखिक जवाब दिया है। RBI के मुताबिक, बैंक के जवाब और मामले के तथ्यों पर गौर करने के बाद केन्द्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि निर्देशों का उल्लंघन हुआ है और जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
क्या कहता है नियम
को-ऑपरेटिव बैंकों को अपने डायरेक्टर्स को सिक्योर या अनसिक्योर लोन देने या उन्हे रिन्यू करने या अन्य किसी फाइनेंशियल एकोमोडेशन को बढ़ाने की अनुमति नहीं है। न ही वे इन्हें अपने रिश्तेदारों, फर्म आदि को प्रदान कर सकते हैं। यह नियम 1 अक्टूबर 2003 से लागू है।