दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को ‘किसान महापंचायत’ होने जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का कहना है कि इस महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए लाखों किसान राजधानी पहुंच रहे हैं।
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बीते महीने किसान संगठनों के समूह एसकेएम ने कहा था कि एमएसपी को कानूनी रूप देने के लिए दबाव बनाने के लिए दिल्ली में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। सरकार ने कहा था कि वह किसानों की मांगों को मानेगी। जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं उन्हें वापस लिया जाएगा और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी दी जाएगी।
एसकेएम ने केंद्र द्वारा बनाई गई एमएसपी समिति को भी भंग करने की मांग की थी। किसानों की मांग है कि जिन किसानों की आँदोलन के दौरान मौत हो गई थी उनके परिवार को मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा बिजली के बिल और कर्ज माफ किया जाए। किसान पेंशन की भी मांग कर रहे हैं।
एसकेएम का कहना है कि जेपीसी द्वारा रेफर किया गया इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 को वापस ले लेना चाहिए। उनका कहना है कि सरकार ने लिखित में यह आश्वासन दिया था कि बिना एसकेएम के सलाह-मशविर का बिल सदन में पेश नहीं किया जाएगा लेकिन इसे सीधे सदन में पेश कर दिया गया। किसानों की मांग है कि खेती के काम के लिए फ्री में बिजली मिलनी चाहिए। इसके अलावा 300 यूनिट तक घरेलू बिजली पर भी बिल माफी होनी चाहिए।
एसकेएम नेता दर्शन पाल सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 9 दिसंबर 2021 को सरकार ने हम लोगों को जो लिखित आश्वासन दिया था, उसे पूरा करना चाहिए। इसके अलावा किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने भी तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक आंदोलन किया था। इसके बाद केंद्र ने इन कानूनों को वापस ले लिया था।