सीमा पर व्याप्त तनाव और पश्चिमी व उत्तर भारत में बढ़ते कोविड-19 के मामलों के बीच चीन ने अपने नागरिकों को भारत से निकालने का फैसला किया है। नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की ओर से सोमवार को जारी नोटिस में यह जानकारी दी गई है। चीनी दूतावास ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों को एक आवश्यक नोटिस के जरिए सूचित किया है कि उनके घर वापस जाने के लिए विशेष उड़ानें उपलब्ध होंगी।
नोटिस में कहा गया है कि चीन के विदेश मंत्रालय ने विशेष रूप से उन छात्रों और पर्यटकों के लिए विस्तृत योजना बनाई है, जिन्हें चीन जाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूतावास की वेबसाइट पर 25 मई को मंदारिन भाषा में दिए गए नोटिस में कई स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतने के सुझाव दिए गए हैं। दूतावास 27 मई तक यात्रियों का पंजीकरण करेगा।
नोटिस में लिखा गया है कि जो लोग वापस जाना चाहते हैं, उन्हें अपना किराया और 14 दिन एकांतवास (क्वारंटाइन) का खर्च देना होगा। इसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों को विमान में सवार होने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जो कोरोना संक्रमित हैं या जिनमें इसके लक्षण हैं।
इसके अलावा कोरोना मरीज के नजदीक रहे लोगों और जिनके शरीर का तापमान 37.3 डिग्री सेंटिग्रेड से अधिक होगा, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं होगी। लोगों को मेडिकल हिस्ट्री न छुपाने को लेकर भी चेतावनी दी गई है और कहा गया है कि अगर किसी ने सार्वजनिक सुरक्षा को खतरने में डालने की कोशिश की तो इसके लिए वह व्यक्ति स्वयं उत्तदायी होगा।
भारत में विभिन्न चीनी कंपनियों में काम करने वाले चीनी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए मूल कंपनी से मंजूरी प्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी।सूत्रों ने कहा कि हालांकि चीनी दूतावास ने सुझाव दिया है कि घर वापस जाने का सीमावर्ती तनाव से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि भारतीय सीमाओं पर हालिया तनाव का जायजा लेने के बाद ही वेबसाइट पर नोटिस प्रकाशित किया गया है। इसके अलावा हाल ही में भारत में लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के कारण भी चीन सरकार अपने नागरिकों को निकालना चाहती है।