कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( ईपीएफओ ) ने जुलाई 2024 में मासिक आधार पर अब तक के सबसे अधिक लोगों के जुड़ने की सूचना दी है। ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2024 के दौरान इससे 19.94 लाख लोग जुड़े हैं। ईपीएफओ के अनुसार यह आंकड़ा भारत के रोजगार परिदृश्य में बदलाव को जाहिर करता है।
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केंद्रीय एजेंसी के अनुसार यह आंकड़ा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और नौकरी बाजार को औपचारिक बनाने के लिए मोदी सरकार की ओर से चलाई जार रही परिवर्तनकारी योजनाओं के असर को दिखाता है। आंकड़ों के अनुसार जुलाई में ईपीएफओ से जुड़े लोगों में से 10.52 लाख कर्मचारी ऐसे हैं, जो पहली बार जुड़े हैं। यह आंकड़ा जून 2024 से 2.66 प्रतिशत और जुलाई 2023 से 2.43 प्रतिशत अधिक है।
रोजगार में यह उछाल एक विस्तारित नौकरी बाजार और विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के लिए अवसर बढ़ने के संकेत देते हैं। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई), स्टार्टअप इंडिया मूवमेंट, इम्प्लॉईमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम और आधारभूत ढांचे पर खर्च बढ़ाने (कैपेक्स) जुड़ी योजनाओं पर खर्च से रोजगार बढ़ा है देश के विकास को गति मिली है।
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वर्ष-वार आधार पर शुद्ध पेरोल में वृद्धि की बात करें तो 2022-23 में इसमें 138.52 लाख ईपीएफओ से जुडे़। वहीं, 2023-24 में यह संख्या 131.48 लाख हो गई। औपचारिक रोजगार सृजन में उछाल का सबसे अधिक फायदा युवाओं को मिला है। जुलाई 2024 में 8.77 लाख युवा ईपीएफओ से जुड़े। इनमें से 6.25 लाख पहली बार इससे जुड़े हैं।
यह इस महीने ईपीएफओ से जुड़े कुल युवाओं का 59.41 प्रतिशत है। इस वृद्धि का श्रेय राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) जैसी पहलों को दिया जा सकता है। वर्तमान में 20 लाख से अधिक सक्रिय रिक्तियां हैं और 33.72 लाख कंपनियों ने इसमें पंजीकरण कराया है, यह विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत भर्ती का संकेत देता है।
जुलाई 2024 में ईपीएफओ से जुड़ी महिलाओं की संख्या ध्यान देने योग्य है। डेटा से पता चलता है कि जुलाई में 4.41 लाख महिलाएं औपचारिक क्षेत्र में शामिल हुईं, जिनमें से 3.05 लाख पहली बार शामिल हुईं। ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार शुद्ध महिला कार्यबल में 14.41 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नई महिला सदस्यों की संख्या में 10.94 प्रतिशत का इजाफा हुआ।