लखनऊ। रेड ब्रिगेड ने ‘रोज 624 दामिनी की याद में’ 29 दिसंबर तक चलने वाली कार्यशाला में ‘रात का उजाला’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस नारी सम्मान और सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत 100 से अधिक लड़कियों के साथ लोहिया पार्क गोमती नगर चौराहे से गांधी प्रतिमा हज़रतगंज तक 624 फीट का बैनर लेकर महिला सम्मान और सुरक्षा जागरूकता रैली निकाली।
इसके माध्यम से समाज में संदेश देना था कि औसतन हर दिन 624 लड़कियों और महिलाओं के साथ जो यौनिक हिंसा का अपराध दर्ज होता है। उस पर समाज की सोच को झकझोरते हुए अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।
नुक्कड़ नाटक और गीतों ने झकझोरा लोगों का मन
जागरूकता काफिला शाम 5 बजे लोहिया चौराहा, समता मूलक चौराहा, 1090 चौराहा, कालिदास चौराहा पर नुक्कड़ नाटक और गीतों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया।
रेड ब्रिगेड लखनऊ समूह की लड़कियों ने महिला सम्मान और सुरक्षा के लिए नुक्कड़ नाटक के साथ ले मशाले चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के, अब अँधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गाँव के तथा तु जिन्दा है तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर, इत्यादि गीत गाते हुए लोगों के दिलों को झकझोरते हुए हजारों लोगों को अपनी ओर जागरूक करने के लिए प्रेरित किया।
रेड ब्रिगेड लखनऊ की संस्थापिका ऊषा विश्वकर्मा ने महिलाओं को अपने मनोबल से ही सब कुछ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हम रात का उजाला कार्यक्रम से महिलाओं के प्रति ओछी मानसिकता पर चोट करना चाहते है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
कार्यक्रम में लक्ष्मी, आफरीन, रजिया, सुमन रावत, महेंद्र राठोर, प्रीति एम शाह, निशु श्रीवास्तव, दिव्या सिंह, सुमन रावत, आलोक अवस्थी, शशांक सिंह आदि ने हिस्सा लेकर कार्यक्रम के संदेश को ताकत प्रदान की। ऊषा विश्वकर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लखनऊ के लोगों को धन्यवाद दिया।