जीएसटी परिषद यदि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी पर जीएसटी दरों में कटौती की सिफारिश करती है तो पॉलिसीधारक के लिए बीमा की लागत कम होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने 9 सितंबर की अपनी बैठक में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर समग्र रूप से विचार करने के लिए मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) के गठन की सिफारिश की थी।
उन्होंने कहा, “जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दरों की समीक्षा का मामला जीओएम के समक्ष लंबित है। यदि जीएसटी परिषद की ओर से जीएसटी दर में कमी की सिफारिश की जाती है, तो जीएसटी कम होने से पॉलिसी धारक के लिए बीमा की लागत में कमी आने की उम्मीद है।”
सीतारमण ने यह बात उस सवाल का जवाब देते हुए कही कि क्या स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में कटौती स्वास्थ्य सेवा को अधिक न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक कदम होगा। यह पूछे जाने पर कि सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि बीमा कंपनियां प्रीमियम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को अपने पास रखने के बजाय जीएसटी में किसी भी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगीं। सीतारमण ने कहा कि प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से बीमा की लागत कम हो जाएगी।
उन्होंने कहा, “चूंकि जीएसटी दरें बीमा प्रीमियम पर अलग से लागू होती हैं, इसलिए यदि जीएसटी दर कम की जाती है तो इससे पॉलिसीधारक को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है, खासकर प्रतिस्पर्धी बाजार में, जहां कई बीमा कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इससे बीमा की लागत एक सीमा तक कम हो जाएगी।” वर्तमान में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।