देश के कई हिस्सों में नागरिकता कानून के विरोध में चल रहे हिंसक प्रदर्शन की जांच करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने से मना कर दिया है. कोर्ट याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि हम इस तरह की मामलों की सुनवाई नहीं कर सकते आपको पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए.
बता दें कि वकील अश्विनी उपाध्याय ने नागरिकता कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत देश कई हिस्सों में हो रही हिंसा की सीबीआई या एनआईए की मांग की थी. इसपर मुख्य न्यायधीश ने कहा, “हम कोई ट्रायल कोर्ट नहीं हैं. हम देश के किसी भी हिस्से में होने वाली हिंसा के लिए हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को ग्रहण नहीं कर सकते हैं. इस तरह के आदेशों को जारी करने के लिए स्तिथि और फैक्ट अलग होने चाहिए. इस तरह की मांग के लिए आपको पहले हाई कोर्ट में अप्रोच करना चाहिए”.
साथ ही कोर्ट ने कहा कि राज्यों को भाषाओं के आधार पर बनाया गया है. लेकिन धर्म सभी सीमाओं और राजनीतिक सीमाओं से परे है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसी प्रदर्शन के दौरान बंगाल में कुछ प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेशन को नुकसान पहुंचाया गया था. पूर्वोत्तर में भी प्रदर्शनकारियों ने दो रेलवे स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया था.