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कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

• दिव्यांगों में असीमित प्रतिभा होती है: अवधेश मिश्र

• अकादमी कला के उन्नयन हेतु अनेक योजनायें लेकर आ रही है: डॉ श्रद्धा शुक्ला

• हौसला प्रदर्शनी में दिव्यांगों का हुआ सम्मान

• अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस के अवसर पर हौसला चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

लखनऊ। राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश एवं कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर 3 दिसंबर को हौसला चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश लाल बारादरी में संपन्न हुआ।

इस चित्रकला प्रदर्शनी में 7 होनहार दिव्यांग कलाकारों के साथ 15 युवा, उत्साही, ऊर्जावान कलाकारों एवं 15 वरिष्ठ कलाकारों की कलाकृतियां एक साथ प्रदर्शित की गईं। वरिष्ठ कलाकारों का सहभाग सभी के लिए सुखद और दिव्यांग एवं युवा कलाकारों के लिए उत्साहवर्धक रहा।

कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

वरिष्ठ कलाकारों की श्रेणी में आने वाले 15 कलाकार अपने-अपने क्षेत्र के स्तंभ हैं। युवा कलाकारों में ऐसी ऊर्जा, रचनात्मकता और उत्साह दिखा। एक आश्वस्ति हुई कि भविष्य में भारतीय समकालीन कला जगत के सशक्त हस्ताक्षर होंगे।

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इन्होंने रचनात्मकता के क्षेत्र में अपने कार्यों के माध्यम से अपने को साबित किया है। दिव्यांगों को रचना के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने और आत्मविश्वासी बनाने के लिए इस चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।

कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

वरिष्ठ कलाकारों की श्रेणी में मनोहर लाल भुगरा, रेखा कक्कड़, अजीत सिंह, राजेंद्र प्रसाद, किरण सिंह राठौड़, मंजू सिंह, राजीव मिश्रा, आलोक कुमार, संदीप भाटिया, रतन कुमार, अवधेश मिश्र, अनीता कनौजिया, उत्तमा दीक्षित, ईश्वर चंद्र गुप्ता, श्रद्धा शुक्ला हैं। युवा कलाकारों की श्रेणी में अनीता वर्मा, प्रशांत चौधरी, लोकेश कुमार, आशीष वर्मा, सुमित कुमार, निधि चौबे, शुभम, करुणा तिवारी, अंशुमा यादव, दिव्यांशी मिश्रा, अवनीश कुमार भारती, अनुराग गौतम , अर्पिता द्विवेदी और सौरवी सिंह है।

कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

दिव्यांग कलाकारों की श्रेणी में शरद यादव, सुधाकर मिश्रा, तोशी गौड़,अंजली सिंह, शिवम गुप्ता, कुलदीप वर्मा और काजोल मिश्रा है। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महानिदेशक प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश पुलिस रेणुका मिश्रा थीं। कार्यक्रम का उद्घाटन रेणुका मिश्रा द्वारा किया गया। कला दीर्घा पत्रिका के संपादक डॉ अवधेश मिश्रा तथा राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की निदेशक डॉक्टर श्रद्धा शुक्ला कला दीर्घा की सह संपादक डॉक्टर लीना मिश्र द्वारा पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान करके उनका स्वागत किया गया।

कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

तत्पश्चात मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन करके कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। रेणुका मिश्रा द्वारा कला प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले समस्त वरिष्ठ, युवा एवं दिव्यांग कलाकारों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देखकर उनका सम्मान किया गया।

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मुख्य अतिथि ने कहा कि कलाकारों को दबाव और प्रभाव से मुक्त होकर स्वच्छंद रचना करनी चाहिए और किसी कलाकार के बनने में उसके परिवारजनों का सहयोग और समर्पण महत्वपूर्ण होता है। डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि कलादीर्घा के पुनर्प्रकाशन के साथ ही कला गतिविधियों के उन्नयन के लिए सतत प्रयत्नशील रहेंगे।

कलाकार को दबाव से मुक्त अपनी दुनिया में रहकर रचना करनी चाहिए: रेणुका मिश्रा

ललित कला अकादमी की निदेशक डॉ श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि शीघ्र ही ललित कला अकादमी अनेक प्रभावी योजनाओं के साथ प्रदेश के कला परिदृश्य में उपस्थित हो रही है, जिससे शीघ्र ही सुखद परिणाम देखने को मिलेंगे। प्रदर्शनी के समन्वयकद्वय डॉ अनीता वर्मा और सुमित कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी दर्शकों के आलोकनार्थ दोपहर 12:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक सात दिसंबर तक खुली रहेगी।

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