रविवार को देश अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा चौक चौबंद कर दी गई है। रविवार सुबह राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन की पहली परेड कहां और कब हुई थी।
गणतंत्र दिवस पर सबसे अहम कार्यक्रम होता है परेड का, इस परेड में देश के हजारों नागरिकों के साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेशी मेहमान शामिल होते हैं। इस दिन भारतीय सेना के शौर्य और भारतीय संस्कृति की छाकियां निकाली जाती हैं। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
हर साल 26 जनवरी को रायसीना हिल्स से निकलकर राजपथ होते हुए लालकिले तक परेड निकाली जाती है। गणतंत्र दिवस समारोह का समापन ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी से 29 जनवरी को किया जाता है। गणतंत्र दिवस पर ही राष्ट्रपति शूरवीरों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। गणतंत्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति पद्म पुरस्कार देते हैं।
साल 1951 में पहली गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम) में किया गया था। साल 1952 में गणतंत्र दिवस परेड ‘किंग्सवे’ पर आयोजित की गई। किंग्सवे को ही अब राजपथ के नाम से जाना जाता है। इस साल परेड में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत परेड में मौजूद रहेंगे, ऐसा पहली बार होगा जब सीडीएस तीनों प्रमुखों के साथ पीएम का स्वागत करेंगे।
आपको बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियास बोलसोनारो होंगे।