अभी तक यही समझा जाता था कि इंसान की मौत (Death) कब होगी यह कोई नहीं बता सकता है, लेकिन साइंस (Science) ने अब इतनी तरक्की कर ली है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए प्री-मैच्योर डेथ के बारे में पता किया जा सकता है. ऐसा दावा साइंस जर्नल PloS One में छपे एक लेख में किया गया है. उसमें दावा किया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पता लगाया जा सकता है कि इंसान की मौत कब होने वाली है. आइए डेथ टेस्ट (Death Test) और इससे जुड़ी रिसर्च के बारे में जानते हैं.
जान लें कि नॉटिंघम यूनिवर्सिटी ने मौत की भविष्यवाणी को लेकर स्टडी की है. इस स्टडी में 40 से 69 साल की आयु वाले करीब 1 हजार लोगों को शामिल किया गया. ये सभी ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे. फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ये जानने की कोशिश की गई कि इनमें से किन लोगों की हालत ज्यादा गंभीर है और क्या उनकी मृत्यु हो सकती है? इसमें मुख्य रूप से प्री-मैच्योर डेथ के बारे में मिल रहे संकेतों के बारे में जानने की कोशिश हुई.
इस स्टडी में कई पैटर्न समझ में आए. फिर उनके बारे में रिसर्चर्स ने दावा किया कि ये एक प्रकार से मौत के बारे में पता लगाने जैसे ही हैं. उन्होंने इस स्टडी का ये लाभ बताया कि अगर खास मौकों पर मौत का ट्रेंड समझ आ जाए तो डॉक्टर उन लोगों पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे जिनके जिंदा रहने की उम्मीद ज्यादा है.
साइंस जर्नल PloS One में प्रकाशित लेख के अनुसार, डेथ टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है. एक्सपर्ट इस टेस्ट में कुछ अलग तरह के बायोमार्कर देखने के बाद ये तय करते हैं कि शख्स की मौत अगले 2 से 5 साल में होने वाली है या नहीं. इस डेथ प्रेडिक्शन टेस्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अहम भूमिका बताई जा रही है. ये स्टडी अभी तो शुरुआती चरण में है. मौत की भविष्यवाणी सच होगी या नहीं इसको लेकर कोई पक्का दावा नहीं किया जा सकता है.
पिछले 1 दशक से रिसर्च जारी
गौरतलब है कि पेंसिल्वेनिया के Geisinger में भी पिछले करीब 1 दशक से मौत की भविष्यवाणी को लेकर रिसर्च की जा रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इकोकार्डियोग्राम वीडियो देखने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ये भी पता लग सकेगा कि शख्स की मौत अगले 1 साल के अंदर होने वाली है या नहीं.