अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होने वाली ये स्वास्थ्य समस्या हर वर्ग के लोगों के लिए घातक बन चुकी है। यह एक चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त दबाव सामान्य से तेज हो जाता है। लेकिन जैसे ही ब्लड प्रेशर इससे अधिक होने लगता है उच्च रक्तचाप की समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि दवा के साथ-साथ प्रीहाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को योग की मदद से कैसे नियंत्रण में रख सकते हैं।
ताड़ासन
ताड़ासन रने के लिए आप सबसे पहले खड़े हो जाए और अपनी कमर एंव गर्दन को सीधा कर लें। इसके बाद आप अपने हाथ को सिर के ऊपर करें और सांस लेते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को खींचें। खिंचाव को पैर की अंगुली से लेकर हाथ की अंगुलियों तक महसूस करें। इस स्थिति में कुछ समय रहें और सांस ले, सांस छोड़ें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने हाथ और शरीर को सामान्य अवस्था में ले आएं। इस योगासन की कम से कम इसे 3-4 बार प्रैक्टिस करें।
पवनमुक्तासन
पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। शरीर को ढीला तथा सहज छोड़ दें। अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर उसे दोनों हाथों की हथेलियों से पकड़कर छाती की तरफ लाएं। श्वास-प्रश्वास सहज रखें। इसके बाद सिर को जमीन से ऊपर उठाकर दाएं पैर को नाक से छूने का प्रयास करें, मगर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुककर वापस पूर्व स्थिति में आएं। यही क्रिया बाएं पैर से तथा दोनों पैरों से एक साथ भी करें। यह एक चक्र है। शुरूआत में इसके दो से तीन चक्रों का अभ्यास करें। धीरे-धीरे चक्रों की संख्या बढ़ाकर 10 से 15 कर सकते हैं।