‘याद पिया की आने लगी ‘ जैसे म्यूजिक वीडियो से मशहूर हुईं रिया सेन बॉलीवुड में भी नजर आईं, लेकिन कुछ बातों ने उन्हें इतना परेशान किया कि उन्होंने बॉलीवुड में न काम करने का फैसला ले लिया.
रिया सेन ‘चूड़ी जो खनकी हाथों में’, ‘याद पिया की आने लगी हाए भीगी-भीगी रातों में’ जैसे म्यूजिक वीडियो से मशहूर हुईं और दर्शकों के दिलों पर राज करने लगीं. वैसे भी एक्टिंग उन्हें विरासत में मिली है, रिया सेन मशहूर बंगाली एक्ट्रेस मुनमुन सेन की बेटी हैं. 1991 में आई फिल्म ‘विषकन्या’ में पूजा बेदी लीड रोल में थीं और इस फिल्म में रिया सेन ने उनके बचपन का किरदार निभाया था.
बॉलीवुड में अपने जलवे दिखाने के अलावा रिया सेन ने बंगाली, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फिल्मों के अलावा इंग्लिश मूवी में भी काम किया, लेकिन धीरे-धीरे रिया फिल्मों में कम नजर आने लगी. व्यावसायिक सफलता के साथ ही उन्हें ‘बोल्ड’ वाला टैग भी मिल गया और इसी बारे में उन्होंने अब बात भी की है. इस वक्त रिया MXPlayer पर ‘पति पत्नी और वो’ में नजर आ रही हैं.
रिया ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि कई हिट फिल्मों के बाद उन्होंने कुछ ऐसी भी फिल्में कीं, जिसे करने में वह कम्फर्टेबल नहीं थीं और शायद इसलिए लोगों को लगने लगा कि वह खराब एक्ट्रेस हैं. इसके लिए वह किसी को ब्लेम भी नहीं कर रहीं.
उन्होंने कहा, ‘एक समय में मैंने कई सारी बॉलीवुड फिल्में की थीं, जिनमें सेक्सी दिखने, कपड़े और मेकअप आदि को लेकर मैं फिट नहीं थी.’
रिया ने कहा कि उन्हें ‘सेक्सी’ और ‘बोल्ड’ जैसे लेबल मिले थे और इसके लिए उन्हें बुरा लगता है.
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के टैग्स से काफी बुरा लगता है. मैं इस टैग्स के साथ जी रही हूं… जब मैं
स्कूल में थी तब सेक्सी जैसे वर्ड की शुरुआत हुई थी. हमेशा परफेक्ट दिखने का काफी प्रेशर हुआ करता था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘यहां तक कि जब मैं कभी बाहर जाती तो लोगों के मन में यह रहता- ओह रिया सेन, क्योंकि उन्हें लगता था कि जो आप स्क्रीन पर हैं वैसी ही रियल लाइफ में भी.’
इसके बाद हिन्दी फिल्मों में स्टीरियोटाइप हिरोइन के कैरक्टर से वह असहज होने लगीं. ‘अपना सपना मनी मनी’, ‘शादी नंबर 1’, ‘झंकार बीट्स’ जैसी फिल्मों के बाद ग्लैमरस दिखने जैसी चीजें इतनी बढ़ गईं कि इसे हैंडल करना मुश्किल हो गया था.
उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि हर कोई ग्लैमरस दिखना चाहता है लेकिन मैं काफी छोटी थी जब मैं यहां आई थी. मैंने ये सभी रोल मिनी स्कर्ट में और क्यूट एक्टिंग के साथ किया है. जब मैं खुद को स्क्रीन पर देखती हूं तो मुझे गंदा लगता है और यकीन नहीं होता कि ये मैं ही हूं.’
रिया ने आगे कहा, ‘मैं खुद को काफी अनइज़ी और अनकम्फर्टेबल महसूस करने लगी. मैं हर दिन सेट पर जाकर अपने बाल कर्ल करवाकर घंटों मेकअप के साथ बैठ नहीं सकती थी. मैंने उस समय बॉलीवुड में काम नहीं करने का फैसला सोच-समझकर लिया था.’
इसके बाद रिया बॉलीवुड को छोड़ बंगाली सिनेमा से जुड़ गईं. उन्होंने रितुपर्णो घोष की साल 2011 में आई फिल्म ‘नौकाडुबी’ की जो रविन्द्रनाथ टैगोर की इसी नाम के नॉवल पर बेस्ड थी. इसके बाद उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्में कीं. इन दिनों रिया अपने इस काम को काफी इंजॉय कर रही हैं.
रिया ने कहा कि वह यहां खुद को बॉलीवु़ड से ज्यादा फिट महसूस कर रही हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड के लिए वह ओपन नहीं, लेकिन वह जो कर रही हैं उसे लेकर काफी खुश हैं.