मैदान की पिच कैसी भी हो, इससे खिलाड़ी को कोई मतलब नहीं होता। टीम को जीत के लिए खेलना होता है। यह बात भारत-इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले सीरिज के अंतिम मैच से एक दिन पहले पत्रकारवार्ता में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए 100 मैच खेलना बड़ी उपलब्धि है। अश्विन ने लगातार भारत के लिए बेहतरीन क्रिकेट खेला है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। अंडर-19 हमने साथ खेला है।
वे पहले ओपनर थे लेकिन अब गेंदबाज हैं। वहीं मैं पहले गेंदबाजी करता था और अब बल्लेबाज हूं। रोहित शर्मा ने कहा कि लगातार अभ्यास करने से ही खिलाड़ी निखरता है। बल्लेबाजी में मेरे लिए रन बनाना जरूरी है बाकी खिलाड़ियों के लिए भी स्थिति को भांपते हुए खेलना और टीम को भी सही प्रयोग करना जरूरी है। रोहित ने कहा कि धर्मशाला में पहले भी टेस्ट मैच खेला है। इसके अलावा यहां पर मैच खेलने का काफी अनुभव है। धर्मशाला में घर जैसा माहौल है, यहां लगता ही नहीं है कि हम घर से दूर हैं। यहां का खाना घर की याद ही नहीं आने देता है।
धैर्य से कर सकते हैं कमबैक
उन्होंने कहा कि टेस्ट मैच में धैर्य से कमबैक कर सकते हैं। किसी भी खिलाड़ी को पिच से कोई मतलब नहीं होता। पिच कैसी भी हो, टीम को जीत के लिए खेलना है। ये सीरिज कमबैक करने वाली रही है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल क्रिकेट न खेलने वाले युवाओं ने टीम में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यंगस्टर्स को इसलिए टीम में रखा है कि उनके पास बेहतरीन गेम है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी गेम को बिल्ड करना सीखना पड़ता है।
कुलदीप अच्छा ऑप्शन
रोहित शर्मा ने कहा कि पहले भी धर्मशाला में टेस्ट मैच खेला है। इस सीरीज में मुझे भी बहुत कुछ सीखने को मिला है कि कैसे किस खिलाड़ी का प्रयोग करना है। रोहित शर्मा ने कहा कि कुलदीप यादव ने घुटने के ऑपरेशन के बाद पिछले दो वर्ष में उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया है। अपनी गेम में लगातार लय बनाकर खेल रहे हैं। ऐसे में उनके रूप में अच्छा ऑप्शन है, वे बल्लेबाजी में भी कमाल करते हैं।