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आपदा काल में ग्राम प्रधानों की भूमिका

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारत की अधिकांश जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां की समस्याओं के समाधान हेतु पँचयती राज व्यवस्था लागू की गई। यह माना गया कि गांव के लोग जिन कठिनाइयों का सामना करते है,उनका निवारण भी उसी स्तर पर हो जाये। इसके दृष्टिगत पंचायतों को वित्तीय अधिकार भी दिए गए। लेकिन कुछ वर्ष पहले तक कहा जाता था कि नई दिल्ली से धनराशि का मात्र पन्द्रह प्रतिशत ही गांव तक पहुंचता है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है। अब डिजिटल माध्यम से लोगों को पूरा लाभ मिल रहा है। वर्तमान समय कोरोना आपदा का है। इसकी पहली लहर में गांव सुरक्षित थे। लेकिन दूसरी लहर का प्रकोप गांव तक था। धीरे धीरे स्थिति संभल रही है। फिर भी संकट समाप्त नहीं हुआ है।

ब्लैक फंगस भी असर दिखा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर भी संभावित है। ऐसे में ग्राम प्रधानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। वह निगरानी समिति के अध्यक्ष होते है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधानों के साथ वर्चुअल संवाद किया। यह बताया गया कि सभी को बिना भेदभाव के कार्य करना है। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए चलाये जा रहे वृहद जांच अभियान को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। किसी भी लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति तक निगरानी समितियां सबसे पहले पहुंचती है। इसलिए निगरानी समितियों को पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट उपलब्ध कराये जाने के साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद को मेडिकल किट उपलब्ध हो जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सेक्टर के प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कम होने के साथ सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में कोविड बेड उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में पोस्ट कोविड वाॅर्ड की स्थापना सुनिश्चित की जाए। इन वाॅर्डों में कोरोना मुक्त व्यक्तियों की पोस्ट कोविड अवस्था में होने वाले कॉम्प्लिकेशंस के उपचार की पूरी व्यवस्था हो। ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को संक्रमण के उपचार हेतु दवा उपलब्ध कराई जाए। ब्लैक फंगस के उपचार के लिए संस्तुत वैकल्पिक दवाओं की भी व्यवस्था कर मरीजों को उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील किए जाने के निर्देश दिए गए थे। सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ हो जाए। स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के कार्य की जवाबदेही तय करके दैनिक मॉनिटरिंग की जाए।

इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों के रख रखाव,आवश्यक मानव संसाधन,पेयजल, शौचालय,विद्युत आपूर्ति व्यवस्था सुचारू रहे। जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं उन्हें फंक्शनल कराया जाए। निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों को शीघ्र पूर्ण करा कर संचालित कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फॉगिंग की कार्यवाही कोरोना सहित विभिन्न संक्रामक बीमारियों यथा, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, कालाजार,चिकनगुनिया आदि की रोकथाम में उपयोगी है। इसके दृष्टिगत स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का कार्य पूरी सक्रियता से संचालित किया जाए।

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र प्रभावी ढंग से कार्यशील रहे। अपना गेहूं बेचने में किसी किसान को कोई समस्या पेश नहीं आनी चाहिए। लघु और सीमान्त किसान सुविधाजनक ढंग से गेहूं विक्रय कर सकें, इस हेतु उनके लिए सप्ताह में कुछ दिन आरक्षित किए जाएं। गेहूं क्रय में अनियमितता मिलने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। एमएसपी के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए। सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन का प्रभावी ढंग से संचालन किया जाए। सभी औद्योगिक गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित रहें।

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