लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (KMC Bhasha University) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग (Civil Engineering Department) में “हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कचरा पृथक्करण की नवीन तकनीकों और उनके रीसाइक्लिंग दक्षता पर प्रभाव” पर एक वर्कशॉप (Workshop) का आयोजन किया गया। वर्कशॉप के मुख्य वक्ता डॉ माज़ अल्लाह खान (Dr Maaz Allah Khan) ने कचरे के संग्रहण, पृथक्करण, परिवहन और निपटान की प्रक्रिया को समझाया।
डॉ माज़ अल्लाह खान ने नई तकनीकी स्मार्ट डस्टबिन्स, जीपीएस युक्त कचरा-वाहन, तथा आधुनिक प्रोसेसिंग यूनिट्स के माध्यम से अब कचरे को प्रभावी रूप से रीसायकल और पुनः उपयोग करने के बारे में बिस्तार से बताया। उन्हने कहा कि इन स्मार्ट तकनीकों के कारण न केवल कचरा पृथक्करण में सटीकता बढ़ी है, बल्कि शहर की साफ-सफाई, पर्यावरण की गुणवत्ता और नागरिकों की भागीदारी में भी सुधार होगा। होटल्स, रेस्टोरेंट्स और रिसॉर्ट्स अब कचरे के पृथक्करण के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे रीसाइक्लिंग की दक्षता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
डॉ माज़ अल्लाह खान ने कहा कि नवीन स्मार्ट बिन्स, सेंसर आधारित सॉर्टिंग सिस्टम्स, और AI-सहायित डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जैविक, पुनर्नवीनीकरण योग्य और अपशिष्ट पदार्थों को स्रोत पर ही अलग किया जा सके। इन तकनीकों के प्रयोग से न केवल पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है, बल्कि संचालन लागत में भी कमी लायी जा सकती है।
इस आयोजन के समन्वक प्रभारी निदेशक डॉ राजेंद्र त्रिपाठी एवं डॉ कौशलेश शाह थे, इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ आस्था चौरसिया, डॉ अभिषेक अवस्थी, अभिनव शुक्ल सहित सभी शिक्षक एवं समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।