गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को हिदायत दी है कि मकर संक्रांति पर गोरखनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को कौशल से नियंत्रित करें। बल प्रयोग किए जाने से भगदड़ मचने और हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए गरिमापूर्ण और भीड़ नियंत्रित करने के कौशल का प्रदर्शन करें।
मुख्यमंत्री ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को शाम 5:48 बजे प्रशासनिक अधिकारियों और मंदिर प्रबंधन के लोगों के साथ गोरखनाथ मेले में जिला प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम का जाएजा लिया। उनका सर्वाधिक ध्यान मकर संक्रांति के दिन उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ पर था। मुख्य मंदिर के समक्ष लगाए गए बैरिकेडिंग को मुख्यमंत्री ने देखा, लेकिन बैरिकेडिंग के सहारे सरकार के काम—काज को प्रदर्शित करते लगाए गए 80 के करीब होर्डिंग देख बिफर गए। जिलाधिकारी एवं मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी से कहा कि वे तत्काल इन्हें हटवाएं।
उन्होंने कहा कि होर्डिंग के कारण मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा होगी। उसके बाद उनके कदम मंदिर के प्रवेश द्वार की ओर बढ़े। मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार के समक्ष होकर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं का दबाव मंदिर के इन्हीं दोनों प्रवेश द्वार पर रहेगा, इसलिए यहां पर्याप्त इंतजाम होना चाहिए। इस बात का खास ध्यान रखा जाए कि मंदिर आने वाले महिला और पुरुष श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। उनके साथ व्यवहार भी गरिमापूर्ण होना चाहिए।
एसएसपी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मंदिर परिसर में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को 6 दिन का विशेष प्रशिक्षण श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए दिया गया। सीएम ने अधिकारियों का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर ही जूता-चप्पल उतार देते हैं। लेकिन इस बार ऐसा न करने दिया जाए बल्कि उन्हें प्रेरित किया जाए कि वह निर्धारित स्थल पर ही जूता चप्पल उतारे। योगी आदित्यनाथ इसके पश्चात ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार की ओर गए।
रिपोर्ट: रंजीत जयसवाल