Mumbai। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 2023 में नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) करने के आरोप में गिरफ्तार स्कूल बस चालक को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अपराध गंभीर और जघन्य है। जस्टिस माधव जामदार की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। 20 मार्च के आदेश की एक प्रति मंगलवार को सामने आई।
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‘बहुत ही गंभीर और जघन्य अपराध’
जस्टिस जामदार ने कहा कि आरोपी को बच्चों को स्कूल से सुरक्षित लाने-ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बावजूद उसका वाहन को रोकना, पीड़ित लड़की को एकांत स्थान पर ले जाना और उसका यौन उत्पीड़न करना एक बहुत ही गंभीर और जघन्य अपराध था।
आरोपी ने जमानत की मांग कर दी यह दलील
पीठ ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोई मामला नहीं बनता। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, आरोपी ने कक्षा 2 की छात्रा का यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी ने जमानत की मांग करते हुए दलील दी थी कि वह मार्च 2023 से जेल में है और दोषी पाए जाने पर उसे दी जाने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा पूरा कर चुका है।
अदालत को किए गए अपराध की प्रकृति और गंभीरता पर विचार करना होगा: कोर्ट
जस्टिस जामदार ने कहा कि लंबी कैद के आधार पर जमानत देते समय भी अदालत को किए गए अपराध की प्रकृति और गंभीरता पर विचार करना होगा। कोर्ट ने कहा, ‘रिकॉर्ड में मौजूद सबूत और तथ्य साफ तौर पर बहुत ही गंभीर और जघन्य अपराध में आवेदक आरोपी की संलिप्तता दिखाते हैं। मामला महज आठ साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न है। केस में जमानत का कोई मामला ही नहीं बनता।’