लखनऊ, (दया शंकर चौधरी)। पसमांदा मुस्लिम समाज (Pasmanda Muslim Society) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी (Anees Mansoori) ने संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संत रविदास समाज के शोषित, वंचित और पसमांदा वर्ग के सबसे बड़े समर्थक थे। उन्होंने अपने विचारों और संघर्ष के माध्यम से समतामूलक समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
अनीस मंसूरी ने कहा कि संत रविदास का जीवन उन मूल्यों पर आधारित था, जो समाज में समानता, न्याय और भाईचारे को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का कड़ा विरोध किया और सदैव वंचित समाज के उत्थान के लिए कार्य किया। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी पसमांदा समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।
पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि संत रविदास ऐसे युग में पैदा हुए, जब समाज जातिवाद, छुआछूत और भेदभाव से जकड़ा हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया, लेकिन कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके भक्ति आंदोलन ने न केवल समाज में बदलाव लाने का कार्य किया, बल्कि लोगों को यह अहसास दिलाया कि ईश्वर के सामने सभी समान हैं।
अनीस मंसूरी ने कहा कि संत रविदास का दर्शन बताता है कि किसी भी समाज की उन्नति तभी संभव है जब उसमें हर व्यक्ति को समान अवसर मिले। पसमांदा समाज भी उनके विचारों से प्रेरणा लेकर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़े। अनीस मंसूरी ने कहा कि संत रविदास ने अपने समय में जो लड़ाई छेड़ी थी, वह आज भी अधूरी है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में पसमांदा समाज के लिए विशेष योजनाएं लागू करे।
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इस अवसर पर संगठन के कोषाध्यक्ष हाजी नसीम अहमद, संगठन मंत्री एजाज़ अहमद राईन, मौलाना इलियास मंसूरी, लीगल एडवाइसर एजाज़ अहमद एडवोकेट, क़ारी शफ़ीक़ आलम क़ादरी, जिला अध्यक्ष पप्पू कुरैशी ने भी अपने विचार रखे।